पहली बौद्ध संगीति(सभा)
बौद्ध धर्म में चार संगीति आयोजित की गईं थी। राजा अजातशत्रु ने प्रथम बौद्ध संगीति का संरक्षण किया था। यह बुद्ध के परिनिर्वाण के बाद आयोजित की गई थी। इसका आयोजन लगभग 400 ई पूर्व किया गया। यह संगीति अजातशत्रु द्वारा राजगृह में सप्तपर्णी गुफा में हुआ। इस ऐतिहासिक संगीति का विस्तृत विवरण विहित विनयपिटक में मिलता है। इस संगीति के अध्यक्ष महाकश्यप थे।
बुद्ध की मृत्यु के तीन महीने बाद राजगीर (राजगृह) में 500 अरिहंतों की एक परिषद आयोजित की गई थी। सभा का नेतृत्व राजा अजातशत्रु के संरक्षण में महाकश्यप ने किया था। इसका उद्देश्य बुद्ध के कथनों (संस्कारों) और मठ के अनुशासन या नियमों (विनय) को संरक्षित करना था। भले ही बुद्ध ने संघ को मामूली नियमों को खत्म करने की अनुमति दी, लेकिन संघ ने विनय के सभी नियमों को रखने का सर्वसम्मत निर्णय लिया।
पहली परिषद सात महीने तक चली। विद्वानों को संदेह है कि क्या पूरे परिषद के दौरान पूरे ग्रन्थों को वास्तव में सुनाया गया था, क्योंकि प्रारंभिक ग्रंथों में ध्यान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अलग-अलग लेख हैं। हालांकि कहा जाता है इसमे विनयपिटक और सुत्त पिटक का पाठ किया गया था।