पहाड़ी मैना
पहाड़ी मैना दक्षिण एशिया के पहाड़ी क्षेत्रों में रहती है। मैना कुमाऊँ से निचले हिमालय में रहती है, जो सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पूर्व की ओर विस्तृत है। यह थाईलैंड, इंडोनेशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में भी पाई जातीहै।
पहाड़ी मैना बड़े शोर समूहों में आगे बढ़ने वाले पेड़ों में रहती हैं। इसमें एक नन्हा काला शरीर है, जिसमें उसके सिर के किनारे, गर्दन के पिछले हिस्से और आंख के नीचे चमकीली पीली पपड़ी होती है। यह पहाड़ी मैना को आम मैना या बैंक मैना से अलग करता है। इसकी लंबाईलगभग उनतीस सेंटीमीटर है और आम मैना से कुछ बड़ी होती है। इसमें हरे-चमकदार काले पंख होते हैं जो सिर और गर्दन पर बैंगनी रंग के होते हैं। बड़े सफेद पंख वाले पैच हैं, जो पक्षी के उड़ने पर दिखाई देते हैं। पक्षी के बिल और पैर चमकीले पीले रंग के होते हैं। नर और मादा में कोई भेद नहीं है।
इस हिल मैना को ज़ोर से हिलने वाली सीटी, गुरगुल, और वेले बनाने के लिए जाना जाता है। नर और मादा दोनों अच्छी आवाज करते हैं। हिल मैना सर्वाहारी है और शहद, फल और कीड़ों को खिलाती है। हिल मैना हमेशा पेड़ों के खोखले में एक घोंसला बनाती है। सामान्यतया दो से तीन अंडे देती है।