पाल-दाधवाव नरसंहार (Pal-Dadhvav Massacre) के 100 साल पूरे हुए
7 मार्च, 2022 को पाल-दाधवाव हत्याकांड के 100 साल पूरे हुए।
पाल-दाधवाव नरसंहार (Pal-Dadhvav Massacre)
- पाल-दाधवाव हत्याकांड अंग्रेजों द्वारा लगभग 1,200 आदिवासी क्रांतिकारियों (भील) की हत्या को संदर्भित करता है। यह 7 मार्च 1922 को साबरकांठा जिले के पाल-चितरिया और दाधवाव गांवों में हुआ था, जो उस समय इदर राज्य (वर्तमान गुजरात राज्य) का हिस्सा था।
- अमलकी एकादशी पर, ग्रामीण ‘एकी आंदोलन’ के हिस्से के रूप में हीर नदी के तट पर एकत्र हुए थे। एकी आंदोलन का नेतृत्व मोतीलाल तेजावत (Motilal Tejawat) ने किया था और इसका उद्देश्य अंग्रेजों और सामंतों द्वारा उन पर लगाए गए भू-राजस्व कर का विरोध करना था।
- इससे पहले, उदयपुर राज्य (राजस्थान) ने मोतीलाल तेजावत को गैरकानूनी घोषित कर दिया था और उनके सिर पर 500 रुपये का इनाम घोषित किया था। अंग्रेजों की मेवाड़ भील कोर (MBC) मोतीलाल तेजावत की तलाश कर रही थी।
- आदिवासियों के जमा होने की सूचना MBC को मिली और वे मौके पर गए। जैसे ही आदिवासियों ने भू-राजस्व कर के खिलाफ नारे लगाए, ब्रिटिश सैनिकों ने उन पर गोलियां चला दीं।
- मारे गए आदिवासियों की संख्या का ठीक-ठीक पता नहीं है। अंग्रेजों का दावा है कि 22 लोग मारे गए थे। लेकिन आदिवासियों का मानना है कि उनमें से करीब 1,200 की मौत हो गई थी।
- गुजरात सरकार के अनुसार, पाल-दाधवाव हत्याकांड जलियांवाला बाग की घटना से भी बड़ा है। जलियांवाला बाग हत्याकांड में, जनरल डायर की सेना द्वारा की गई गोलीबारी के बाद 500-1,000 लोग मारे गए थे।
स्मृति और गणतंत्र दिवस की झांकी
2003 में नरसंहार स्थल पर मोतीलाल तेजावत का स्मारक बनाया गया था। यह स्मारक एक ‘शहीद स्मृति वन’ से घिरा हुआ है, जिसमें आदिवासियों की स्मृति में लगाए गए 1200 पेड़ हैं। गुजरात के 2022 गणतंत्र दिवस की झांकी में पाल-दाधवाव हत्याकांड को भी दिखाया गया था।
Categories: राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
Tags:Hindi Current Affairs , Hindi News , Motilal Tejawat , Pal Dadhvav Massacre , Pal-Dadhvav Massacre for UPSC , Pal-Dadhvav Massacre in Hindi , पाल-दाधवाव नरसंहार , मोतीलाल तेजावत , हिंदी करेंट अफेयर्स , हिंदी समाचार