पीएम-ई बस सेवा योजना (PM-eBus Sewa Scheme) क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल पर 10,000 इलेक्ट्रिक बसों के साथ शहरी बस संचालन को बढ़ाने के उद्देश्य से “पीएम-ई बस सेवा” योजना को हरी झंडी दे दी है। इस योजना की अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान 20,000 करोड़ रुपये है।
यह पहल केंद्र शासित प्रदेश की राजधानियों, उत्तर पूर्वी क्षेत्र और पहाड़ी राज्यों सहित तीन लाख से अधिक आबादी वाले शहरों तक फैलेगी। यह संगठित बस सेवाओं के बिना क्षेत्रों को प्राथमिकता देना चाहता है। इस योजना से 45,000 से 55,000 प्रत्यक्ष नौकरियाँ उत्पन्न होने का अनुमान है, और इसमें दो खंड शामिल हैं: सिटी बस सेवाओं को बढ़ाना और हरित शहरी गतिशीलता पहल को बढ़ावा देना।
“पीएम-ई बस सेवा” योजना का प्राथमिक लक्ष्य क्या है?
“पीएम-ई बस सेवा” योजना का लक्ष्य पीपीपी मॉडल पर 10,000 इलेक्ट्रिक बसें शुरू करके शहरी बस संचालन को बढ़ावा देना है। इस पहल का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाना, ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है।
योजना के खंड ‘ए’ की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
खंड ‘ए’ 169 शहरों में सिटी बस सेवाएं बढ़ाने पर केंद्रित है। इसमें पीपीपी मॉडल के माध्यम से 10,000 ई-बसों की तैनाती शामिल है। ई-बसों के लिए संबद्ध बुनियादी ढांचे में सुधार और बिजली के बुनियादी ढांचे का भी समर्थन किया जाएगा।
योजना के खंड बी, ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशिएटिव्स (GUMI) में क्या शामिल है?
खंड बी में बस प्राथमिकता, मल्टीमॉडल इंटरचेंज सुविधाएं, एनसीएमसी-आधारित स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली और चार्जिंग बुनियादी ढांचे जैसी हरित पहल शामिल हैं। यह पर्यावरण-अनुकूल शहरी गतिशीलता समाधानों को बढ़ावा देता है।
यह योजना इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को वित्तीय रूप से कैसे समर्थन देगी?
बस सेवाओं को चलाने और बस ऑपरेटरों को भुगतान करने की जिम्मेदारी राज्यों/शहरों की है। केंद्र सरकार इन बसों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए योजना में उल्लिखित सब्सिडी प्रदान करके सहायता प्रदान करेगी।
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