पीयूष गोयल (Piyush Goyal) बने राज्यसभा में सदन के नेता (Leader of House)
केंद्रीय वाणिज्य, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) राज्यसभा में सदन के नेता के रूप में थावर चंद गहलोत की जगह लेंगे।
मुख्य बिंदु
- यह प्रतिस्थापन युवा नेता को एक भूमिका के लिए शामिल करने का संकेत देता है।
- जब गहलोत सदन के नेता थे ,तब पीयूष गोयल उपनेता थे।
- थावर चंद गहलोत को अब कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
- 2014 में मंत्री बनने से पहले गोयल बीजेपी के कोषाध्यक्ष थे।
राज्यसभा में सदन के नेता
सदन का नेता राज्यसभा में बहुमत दल का “नेता और संसदीय अध्यक्ष” होता है। नेता आमतौर पर या तो कैबिनेट मंत्री या कोई अन्य मनोनीत मंत्री होता है। सदन का नेता सदन में सरकारी बैठकों और कामकाज का आयोजन करता है।
क्या यह संवैधानिक पद है?
नहीं, सदन के नेता का कार्यालय संविधान में निहित नहीं है। यह राज्य सभा के नियमों के तहत प्रदान किया जाता है।
राज्य सभा
यह भारत की द्विसदनीय संसद का ऊपरी सदन है । 2021 तक इसकी अधिकतम सदस्यता 245 है। 245 में से, 233 सदस्यों का चुनाव राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं द्वारा एकल संक्रमणीय मतों द्वारा खुले मतपत्र के माध्यम से किया जाता है। कला, विज्ञान, साहित्य और सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्वारा 12 सदस्यों को नामित किया जाता है। राज्यसभा की क्षमता 250 है जिसमें 238 निर्वाचित हो सकते हैं और 12 मनोनीत होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 80 में प्रावधान है कि प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 साल का होता है।
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