पुणे में की जायेगी निसर्ग ग्राम परिसर की स्थापना, जानिए क्या है निसर्ग ग्राम परिसर?
ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले निर्धन परिवारों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए महात्मा गांधी ने पुणे के पास एक छोटे से गाँव उरली कंचन में ‘निसर्ग उपचार’ आश्रम की स्थापना की थी। बाद में गांधीजी ने 18 नवंबर, 1945 को ऑल इंडिया नेचर क्योर फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना की और 1946 में ‘नेचर क्योर अभियान’ शुरू किया।
हाल ही में, आयुष मंत्रालय ने पुणे में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (एनआईएन) परिसर का एक नया परिसर विकसित करने की घोषणा की है। इस नए परिसार को ‘निसर्ग ग्राम’ नाम दिया गया है। इसका निर्माण मौजूदा ‘बापू भवन’ से 15 किलोमीटर की दूरी पर किया जायेगा।
मुख्य बिंदु
बाद में इस फाउंडेशन नियंत्रण केंद्र सरकार को दिया गया और वर्तमान में यह राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (एनआईएन) के रूप में विद्यमान है। राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान आयुष मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय है।
आयुष मंत्रालय ने 18 नवम्बर को नेचुरोपैथी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है, गौरतलब है कि इसी दिन महात्मा गांधी ने संस्था की स्थापना की थी। गांधीजी प्राकृतिक चिकित्सा का अनुसरण करते थे और उन्होंने इस विषय पर कई किताबे भी लिखी हैं, उनकी कुछ एक प्रमुख किताबें इस प्रकार हैं : Nature Cure, Key to Health, Diet and Diet Reforms, Vegetarianism।
नेचुरोपैथी क्या है?
नेचुरोपैथी की सहायता से कई रोगों को रोकथाम की जा सकती है। यह बिना दवा की चिकित्सा प्रणाली है और इसका वित्तीय भार भी अधिक नहीं है। इसमें जीवनशली में परिवर्तन करके स्वास्थ्य लाभ लिया जा सकता है। वर्तमान में नेचुरोपैथी को वैलनेस सेंटर में बढ़ावा दिया जा रहा है।
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