पुरी-गंगासागर दिव्य काशी यात्रा क्या है?

भारतीय रेलवे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पुरी-गंगासागर दिव्य काशी यात्रा (Puri–Gangasagar Divya Kashi Yatra) शुरू करने जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को देश भर के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करना है। यह यात्रा “देखो अपना देश” (Dekho Apna Desh) और “एक भारत श्रेष्ठ भारत” (Ek Bharat Shreshtha Bharat) योजना के तहत शुरू की जा रही है, जो भारत में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देती हैं।

मुख्य बिंदु 

पुरी-गंगासागर दिव्य काशी यात्रा 28 अप्रैल, 2023 को पुणे से शुरू होगी और यह यात्रा 9 रातों और 10 दिनों तक चलेगी। इस यात्रा का उद्देश्य पुरी, कोलकाता, गया, वाराणसी और प्रयागराज में महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को कवर करना है। यह यात्रियों को प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और मंदिरों का अनुभव करने और उनके दर्शन करने का अवसर प्रदान करेगी। इनमें जगन्नाथ मंदिर, कोणार्क मंदिर, पुरी में स्थित लिंगराज मंदिर, कोलकाता में स्थित काली बाड़ी, गया में गंगा सागर, विष्णु पद मंदिर और बोधगया, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा घाट, साथ ही प्रयागराज में त्रिवेणी संगम शामिल हैं।

IRCTC की भूमिका

यह व्यापक दौरा IRCTC द्वारा प्रदान किया जा रहा है, जो भारतीय रेलवे के पर्यटन और आतिथ्य सेवाओं के लिए विशेष प्रभाग है। इस यात्रा का उद्देश्य घरेलू और अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को प्रदर्शित करना है। पुरी-गंगासागर दिव्य काशी यात्रा को शामिल करने के साथ, IRCTC का उद्देश्य देश में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा देना है।

IRCTC

यह भारतीय रेलवे में खानपान, टिकटिंग और पर्यटन सेवाओं की पेशकश करने वाला एक सार्वजनिक उपक्रम है। इसकी स्थापना वर्ष 1999 में की गयी थी।

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