प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान (PM – VIKAS) क्या है?
भारत में कारीगर और शिल्पकार ब्रिटिश काल से ही लुप्त होते रहे हैं। भारत सरकार विभिन्न माध्यमों से आर्थिक स्थिति को बढ़ाने और सदियों पुरानी कलाओं और पारंपरिक शिल्पों को जीवित रखने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान ऐसी ही एक पहल है। इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने बजट प्रस्तुति के दौरान की थी।
पीएम-विकास (PM – VIKAS)
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में शिल्पकारों की स्थिति में सुधार करना है।
- योजना अपने उद्देश्य को प्राप्त करेगी:
- कारीगरों की क्षमता में वृद्धि करके
- उनके माल की पहुंच बढ़ाकर
- इस योजना को MSME मूल्य श्रृंखला में डाला जाएगा।
- यह योजना कारीगरों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- पारंपरिक और सदियों पुराने शिल्पों के लिए कौशल और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। लोगों को कला सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान नवीनतम प्रौद्योगिकी कौशल प्रदान किया जाएगा। कारीगरों को उत्पादकता और लाभ बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करना सिखाया जाएगा। यह शिल्प निर्माण में शामिल पारंपरिक प्रथाओं को छेड़े बिना किया जाएगा।
- पूरे कार्यक्रम को एमएसएमई क्षेत्र के साथ एकीकृत किया जाएगा।
- भारत सरकार कला और शिल्प को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में ले जाने के लिए कड़ी मेहनत करेगी।
महत्व
इस योजना का उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। साथ ही इससे भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। कई भारतीय कला और शिल्प की आज भी वैश्विक बाजार में भारी मांग है। उदाहरण के लिए, कश्मीरी शॉल और रजाई तुर्की, ईरान आदि में प्रसिद्ध हैं।
हिंदू धर्म के अनुसार विश्वकर्मा शिल्प के देवता हैं। वह देवताओं के लिए रथ, हथियार और महल बनाते हैं। उन्होंने रावण के लिए लंका पैलेस, भगवान कृष्ण के लिए द्वारका और पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ का निर्माण किया था।
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