प्राचीन भारतीय गणतन्त्र

भारत में प्राचीन काल में राजतंत्र तथा गणतंत्र दोनों व्यवस्थाएं थी। हालांकि प्राचीन भारत में गणतंत्रात्मक व्यवस्था सीमित क्षेत्र में ही थी। भारत की राजव्यवस्था के बारे में प्राचीन पुस्तकों से काफी उपयोगी जानकारी जानकारी मिलती है, इसमें कौटिल्य की पुस्तक अर्थशास्त्र एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। प्राचीन काल में विशेषकर मौर्य काल में भारत में विशाल साम्राज्यों की स्थापना हुई। तत्कालीन शासकों ने विशाल साम्राज्यों का कुशलतापूर्वक शासन का संचालन किया। यूनान के अलावा भारत ही एक ऐसा देश है जहां किसी न किसी प्रकार के गणतंत्र का प्रयोग परीक्षण किया गया हो।
प्राचीन भारत में अनेकों धर्मों का उदय हुआ। भिन्न-भिन्न राजाओं ने अलग-अलग धर्मों को अपनाया व उन्हें संरक्षण प्रदान किया। प्राचीन भारत के अधिकतर शासक अन्य धर्मों के प्रति सहिष्णु थे।
प्रमुख गणराज्य
गणराज्य क्षेत्र
शाक्य कपिलवस्तु
कोलिय रामग्राम, गोरखपुर
मालव पंजाब, राजस्थान
कुलुट काबुल घाटी
भग्ग सुसुमगिरी, मिर्जापुर
मल्ल कुशीनगर, उत्तर प्रदेश
यौद्धेय पूर्वी पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान
बुलि अलकप्प, बेतिया, आरा
मोरिय गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
शिवी राजस्थान
लिच्छवी वैशाली, बिहार
कालाम केसपुत्त, सुल्तानपुर
विदेह मिथिला, बिहार
कुनिंद हरियाणा, पंजाब
अर्जुनायन भरतपुर, अलवर (राजस्थान)

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