बच्चों के टीकाकरण पर WHO-UNICEF ने डाटा जारी किया
WHO और UNICEF ने हाल ही में बच्चों के टीकाकरण पर अपना डेटा जारी किया। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2020 में नियमित बाल टीकाकरण कवरेज में सबसे बड़ी कमी दर्ज की।
हाइलाइट
- भारत के बाद पाकिस्तान और इंडोनेशिया का स्थान है।
- यह पहला आधिकारिक आंकड़ा है जो कोविड-19 के कारण वैश्विक सेवा व्यवधानों को दर्शाता है।
- आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश देशों ने 2020 में बाल टीकाकरण दरों में गिरावट का अनुभव किया।
मुख्य निष्कर्ष
- WHO और यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार, मध्यम आय वाले देशों में असुरक्षित बच्चों की संख्या बढ़ रही है।
- भारत एक बड़ी गिरावट का सामना कर रहा है। भारत का DTP-3 कवरेज (डिप्थीरिया , टेटनस और पर्टुसिस वैक्सीन कवरेज) 91% से गिरकर 85% हो गया है।
- WHO के अमेरिका क्षेत्र में, पिछले साल केवल 82% बच्चों को पूरी तरह से DTP का टीका लगाया गया है। 2016 में यह आंकड़ा 91% था। यह फंडिंग की कमी, वैक्सीन की गलत सूचना आदि का परिणाम है।
- कुल मिलाकर, 2020 में नियमित टीकाकरण सेवाओं के तहत 23 मिलियन बच्चे बुनियादी टीकों से चूक गए। उनमें से 17 मिलियन बच्चों को एक भी टीका नहीं मिला।
- 2020 में टीकाकरण सेवाओं में व्यवधान व्यापक थे। व्यवधानों के कारण दक्षिण पूर्व एशियाई और पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए।
WHO के लक्ष्य को विफल करना
कोविड-19 महामारी से पहले डिप्थीरिया , टेटनस, पर्टुसिस, खसरा और पोलियो के खिलाफ वैश्विक बाल टीकाकरण दर कई वर्षों से 86% पर स्थिर थी, जो कि खसरे से बचाने के लिए WHO द्वारा अनुशंसित 95% से कम थी।
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