बांध सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया

जल शक्ति मंत्रालय का जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग 14 से 15 सितंबर, 2023 तक जयपुर में बांध सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा “Safe & Secure Dams Ensure Nation’s Prosperity” विषय के तहत किया गया।

यह वैश्विक सम्मेलन भारत और दुनिया भर से बांध सुरक्षा में विशेषज्ञों और नेताओं को एक साथ लाएगा। यह कार्यक्रम बांध सुरक्षा बढ़ाने, अत्याधुनिक विषयों पर चर्चा करने और बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना चरण II और III पर प्रकाश डालने पर केंद्रित है। जल संरक्षण और प्रबंधन के महत्व पर जोर देते हुए तकनीकी सत्रों, प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।

बांध सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICDS) 2023 का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?

ICDS 2023 का उद्देश्य क्षेत्र में विशेषज्ञों और नेताओं के बीच चर्चा की सुविधा प्रदान करके और सुरक्षित बांधों के महत्व को बढ़ावा देकर विश्व स्तर पर बांध सुरक्षा को मजबूत करना है।

भारत में कितने बाँध हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण क्यों है?

भारत में 6,000 से अधिक बांध हैं, जो बड़े बांधों में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है। जल आपूर्ति, सिंचाई, जलविद्युत, बाढ़ सुरक्षा और अन्य में उनकी बहुमुखी भूमिकाओं के कारण उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।

कौन सा प्रमुख कानून बांध सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है?

बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 बांध सुरक्षा पर राष्ट्रीय समिति, राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (NDSA), बांध सुरक्षा पर राज्य समिति और राज्य बांध सुरक्षा संगठन की स्थापना को अनिवार्य करता है।

बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (DRIP) भारत में बांध सुरक्षा में कैसे योगदान देती है?

2012 में लॉन्च किए गए DRIP चरण I ने 223 बांधों की सुरक्षा बढ़ा दी। विश्व बैंक और AIIB द्वारा वित्त पोषित चरण II और III, बांध संरचनाओं, उपकरण और बांध सुरक्षा संस्थानों के पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिसका लक्ष्य 19 राज्यों में 736 बांधों को पूरी तरह से पुनर्स्थापित करना है।

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