बाघा जतिन कौन थे?

हाल ही में बाघा जतिन का नाम सुर्ख़ियों में था। दरअसल, बाघा जतिन एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। हाल ही में कुछ शरारती तत्वों ने बांग्लादेश के कुश्तिया में उनकी मूर्ती को क्षतिग्रस्त किया। इससे कुछ दिन पहले बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को भी नुकसान पहुँचाया गया था।

बाघा जतिन

बाघा जतिन एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। बाघा जतिन का जन्म 7 दिसम्बर, 1879 को ब्रिटिश  भारत की बंगाल प्रेसीडेंसी में कुश्तिया में हुआ था। उनका पूरा नाम जतिन्द्रनाथ मुखर्जी था। उन्होंने अपनी पढ़ाई कलकत्ता विश्वविद्यालय से पूरी की थी। वे जुगांतर पार्टी के एक प्रमुख नेता थे। जुगांतर पार्टी बंगाल में स्वतंत्रता सेनानियों का एक मुख्य क्रांतिकारी संगठन था।

उन्होंने अपने जीवनकाल में स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने अपने जीवनकाल में सिस्टर निवेदिता, स्वामी विवेकानंद और श्री औरोबिन्दो जैसी महान विभूतियों के साथ कार्य किया।

बाघा जतिन ने ब्रिटिश के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष का मार्ग अपनाया। 1914 में जब प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ, जो उन्होंने जर्मनी से सहायता प्राप्त करने का प्रयास किया। इसी कड़ी में उन्हें जर्मनी से एक समुद्री जहाज़ में शस्त्रों का जखीरा मिलने वाला था, यह युद्ध सामग्री उन्होंने ओडिशा में बालासोर के निकट मिलने वाली थी। परन्तु इस घटना के दौरान उनकी अंग्रेजों से मुठभेड़ हुई, इस मुठभेड़ में वे गंभीर रूप से घायल हुए। उनका निधन 10 सितम्बर, 1915 को हुआ था।

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