बोर्रा गुफाएँ, आंध्र प्रदेश

बोर्रा की गुफाएँ आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम जिले की अराकू घाटी की अनंतगिरी पहाड़ियों में भारत के पूर्वी तट पर स्थित हैं। बोर्रा गुफाओं को बोरा गुहालू के नाम से भी जाना जाता है। गुफाएं देश की सबसे बड़ी गुफाओं में से एक हैं। यह लगभग 705 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं।
बोर्रा गुफाओं का इतिहास
गुफा का वास्तविक नाम बोरा गुहालू है। ओड़िया भाषा में बोरा का अर्थ है छेद और तेलुगु भाषा में गुहालू का अर्थ है गुफाएं। 1807 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के विलियम किंग जॉर्ज द्वारा बोर्रा गुफाओं की खोज की गई थी।
बोर्रा गुफाओं का भूगोल
बोर्रा गुफाएं अनंतगिरी पर्वत श्रृंखला की अराकू घाटी में स्थित हैं।
बोर्रा गुफाओं की किंवदंतियाँ
बोर्रा गुफाओं की खोज के संबंध में कई किंवदंतियाँ हैं जो कुछ भारतीय आदिवासी लोगों द्वारा सुनाई जाती हैं जो गुफाओं के करीब रहते हैं। इन जनजातियों में पोर्जा, नुकाडोरा, कोंडाडोरा, वाल्मीकि, जटापु जनजाति आदि शामिल हैं। सबसे लोकप्रिय किंवदंतियों में से एक यह है कि एक गाय, जो गुफाओं के ऊपर चर रही थी, और अचानक गाय 60 मीटर जमीन के अंदर गिर गई। खोई हुई गाय की तलाश करते हुए चरवाहे ने गुफाओं की खोज की। चरवाहे ने गुफा के अंदर एक शिवलिंग को देखा। लोग शिव कि पूजा करने आते हैं।
बोर्रा गुफाओं में पुरातत्व संबंधी कलाकृतियां
गुफाओं में पुरातत्व संबंधी कलाकृतियां मिली हैं। आंध्र विश्वविद्यालय के पुरातत्वविदों द्वारा गुफाओं में की गई खुदाई में 30,000 से 50,000 साल पुरानी मध्य पुरापाषाण संस्कृति के पत्थर के औजार मिले हैं, जो मानव निवास की पुष्टि करते हैं।
बोर्रा गुफाओं में वनस्पति और जीव
बिर्रागुफाओं में पाए जाने वाले जीव मुख्य रूप से चमगादड़ और सुनहरे जेको हैं।
बोर्रा गुफाओं में पर्यटन
गुफाओं के चारों ओर घूमने से पहाड़ी क्षेत्र के दृश्य दिखाई देते हैं जो वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है।

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