बौद्ध सर्किट के माध्यम से पैदल यात्रा का आयोजन किया जा रहा है
दक्षिण कोरिया की सांगवोल सोसाइटी भारत में पैदल यात्रा का आयोजन कर रही है। इसके तहत 108 बौद्ध पैदल चलकर भारत में 1,100 किमी की दूरी तय करेंगे। यह तीर्थयात्रा उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों में विभिन्न स्थानों का दौरा करेगी और 43 दिनों तक चलेगी। बौद्ध धर्म दक्षिण कोरिया का आधिकारिक धर्म है। यह धर्म भारत से दक्षिण कोरिया पहुंचा था। यह पैदल यात्रा भारत और दक्षिण कोरिया के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाएगी।
तीर्थयात्रा के दौरान जाने वाले स्थल
इस तीर्थयात्रा के दौरान, बौद्ध अनुयायी निम्नलिखित स्थलों का दौरा करेंगे:
- नालंदा विश्वविद्यालय: नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना गुप्त शासन के दौरान हुई थी। इसे 1193 में मुस्लिम आक्रान्ता खिलजी ने नष्ट कर दिया था।
- बोध गया : यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान है, इस स्थान पर भगवान् बुद्ध को पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
- महापरिनिर्वाण मंदिर: यह कुशीन नगर में है; भगवान बुद्ध की मृत्यु स्थान माना जाता है।
- रामभर स्तूप: भगवान बुद्ध की राख पर निर्मित; मल्ल राजाओं द्वारा बनवाया गया था।
- लुम्बिनी: भगवान बुद्ध का जन्म स्थान।
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