भारतीय जैविक डेटा केंद्र (IBDC) लांच किया गया
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल ही में भारतीय जैविक डेटा केंद्र (Indian Biological Data Center – IBDC) राष्ट्र को समर्पित किया।
भारतीय जैविक डेटा केंद्र क्या है?
- भारतीय जैविक डेटा केंद्र जीवन विज्ञान डेटा के लिए भारत का पहला राष्ट्रीय भंडार है।
- यह देश में सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान से उत्पन्न सभी जीवन विज्ञान डेटा को संग्रहीत करेगा।
- यह जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) की सहायता से संचालित होगा।
- दीर्घावधि में, IBDC भारत से उत्पन्न होने वाले सभी जीवन विज्ञान डेटा के लिए एक प्रमुख डेटा भंडार बनेगा।
- यह फरीदाबाद, हरियाणा में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रीय केंद्र (RCB) में स्थापित किया गया था। इसकी भुवनेश्वर में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) में एक डेटा “डिजास्टर रिकवरी” साइट है।
- इसकी डेटा स्टोरेज क्षमता लगभग 4 पेटाबाइट्स है।
- यह ‘ब्रह्म’ उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग सुविधा की मेजबानी करता है।
इसके उद्देश्य क्या हैं?
IBDC के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- भारत से उत्पन्न होने वाले जैविक डेटा के संग्रह के लिए आईटी मंच प्रदान करना।
- FAIR (Findable, Accessible, Interoperable and Reusable) सिद्धांत के आधार पर जीवन विज्ञान डेटा के भंडारण और साझा करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं का विकास करना।
- डेटा की गुणवत्ता नियंत्रण और क्यूरेशन करना, डेटा बैकअप बनाए रखना और डेटा जीवन चक्र का प्रबंधन करना।
- डेटा साझा करने या पुनर्प्राप्ति के लिए वेब-आधारित टूल/एपीआई विकसित करना
- बिग डेटा के विश्लेषण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना और डेटा साझा करने के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना।
IBDC के वर्तमान कार्य क्या हैं?
चूंकि जीवन विज्ञान डेटा अत्यधिक जटिल और विषम है, IBDC को एक मॉड्यूलर फैशन में विकसित किया जा रहा है। इसका मतलब है कि अलग-अलग सेक्शन अलग-अलग तरह के डेटा सेट से डील करते हैं। इसलिए, IBDC ने दो अलग-अलग डेटा पोर्टल्स – इंडियन न्यूक्लियोटाइड डेटा आर्काइव (INDA) और इंडियन न्यूक्लियोटाइड डेटा आर्काइव – कंट्रोल्ड एक्सेस (INDA-CA) के माध्यम से न्यूक्लियोटाइड डेटा सबमिशन सेवाओं की शुरुआत की थी।
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