भारतीय नौसेना पनडुब्बी दिवस : 8 दिसम्बर

8 दिसम्बर को भारतीय नौसेना द्वारा प्रतिवर्ष पनडुब्बी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 8 दिसम्बर, 1967 को भारतीय नौसेना की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को नौसेना में शामिल किया गया था।

भारतीय नौसेना

देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा का भार भारतीय नौसेना पर है। वर्तमान में भारतीय नौसेना में 67,228 सैनिक/कर्मचारी कार्यरत्त हैं। भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 ईसवी में हुई थी। महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी को भारतीय नौसेना का पिता कहा जाता है।भारतीय नौसेना का आदर्श वाक्य “शं नो वरुणः” है।

मार्च 2018 के अनुसार भारतीय नौसेना के पास एक एयरक्राफ्ट कैरिएर, 1 उभयचर परिवहन डॉक, 8 लैंडिंग शिप टैंक, 11 डिस्ट्रॉयर, 13 फ्रिगेट, 1 परमाणु उर्जा संचालित पनडुब्बी, 1 बैलिस्टिक मिसाइल युक्त पनडुब्बी, 14 परंपरागत पनडुब्बीयां, 22 कार्वेट, 4 फ्लीट टैंकर तथा अन्य कई पोत हैं।

भारतीय नौसेना दिवस

भारत में प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य भारत की नौसेना की उपलब्धियों तथा भारतीय नौसेना की भूमिका पर प्रकाश डालना है। भारतीय नौसेना भारतीय सशस्त्र बल का हिस्सा है। भारत की तीनो सेनाओं का प्रमुख देश का राष्ट्रपति होता है।

भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर

आईएनएस विक्रांत

इसे  Indigenous Aircraft Carrier One भी कहा जाता है। यह भारतीय नौसेना के लिए बनाया जा रहा है, इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड, केरल में किया जा रहा है। आईएनएस विक्रांत की लागत 2014 में 3.5 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गई थी। 2019 में परियोजना के चरण 3 के लिए अतिरिक्त 420 मिलियन अमरीकी डालर मंज़ूरी किए गए थे।

आईएनएस विशाल

इसे  Indigenous Aircraft Carrier Two भी कहा जाता है। यह एक प्रस्तावित एयरक्राफ्ट कैरियर है जिसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में बनाया जायेगा। इसे CATOBAR (Catapult based Aircraft Launch Mechanism) पर बनाया जायेगा। यह अमेरिकी इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम (EMALS) के समान है।

आईएनएस विक्रमादित्य

भारतीय नौसेना का एयरक्राफ्ट कैरियर वर्तमान में सेवा में है, इसे वर्ष 2013 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।

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