भारतीय मूल की वैज्ञानिक जॉयिता गुप्ता ने स्पिनोज़ा पुरस्कार (Spinoza Prize) जीता

भारतीय मूल की वैज्ञानिक जॉयिता गुप्ता (Joyeeta Gupta) को प्रतिष्ठित स्पिनोज़ा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिसे विज्ञान में उनके उल्लेखनीय योगदान और एक न्यायसंगत और टिकाऊ दुनिया बनाने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए दिया गया है। इस पुरस्कार को डच नोबेल प्राइज के रूप में भी जाना जाता है।

स्पिनोज़ा पुरस्कार: डच विज्ञान में उत्कृष्टता का उत्सव

स्पिनोज़ा पुरस्कार को व्यापक रूप से डच विज्ञान में सर्वोच्च सम्मान के रूप में जाना जाता है। यह उन उत्कृष्ट शोधकर्ताओं को सम्मानित करता है जिन्होंने अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है और असाधारण वैज्ञानिक योगदान का प्रदर्शन किया है। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उनके अभूतपूर्व कार्य और समाज पर गहरा प्रभाव के लिए एक प्रमाण के रूप में कार्य करता है।

जॉयिता गुप्ता की असाधारण उपलब्धि

एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय में ग्लोबल साउथ में पर्यावरण और विकास की प्रोफेसर जॉयिता गुप्ता को स्पिनोज़ा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह प्रशंसा उनके अग्रणी और प्रेरक वैज्ञानिक कार्य की सराहना करती है, जो एक ऐसी दुनिया बनाने पर केंद्रित है जो निष्पक्ष और टिकाऊ दोनों है। गुप्ता के अनुसंधान और प्रयासों ने पर्यावरण और विकासात्मक मुद्दों को दबाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

आगामी प्रस्तुति और गुप्ता की योजना

स्पिनोजा पुरस्कार की आधिकारिक प्रस्तुति 4 अक्टूबर को होने वाली है, जहां जॉयिता गुप्ता को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाएगा। गुप्ता ने अपने उद्घाटन व्याख्यान के दौरान प्रस्तुत विचारों को लागू करने के लिए पुरस्कार राशि का उपयोग करने का इरादा व्यक्त किया है। उनका ध्यान ‘इको-स्पेस’ के वैश्विक साझाकरण और एक व्यापक वैश्विक पर्यावरण संविधान की आवश्यकता पर है।

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