भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में कितनी कमी की है?
उत्तर – 0.25%
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट (अल्पकालिक उधार दर) में 0.25 की कमी की है, अब रेपो रेट 6% से कम होकर 5.75% हो गया है। गौरतलब है कि अब RTGS और NEFT पर लगने वाले शुल्क को ख़त्म करने का निर्णय लिया गया है।
रेपो दर
रेपो दर, वह दर है जिस पर आरबीआई छोटी समयावधि के लिए बैंकों को ऋण देता है। यह RBI द्वारा बैंकों से सरकारी बांड खरीदकर एक निश्चित दर पर उन्हें बेचने के लिए एक समझौते के साथ किया जाता है। जब भारतीय रिजर्व बैंक रेपो दर बढ़ाता है, तो बैंक को उच्च दरों पर ऋण देना पड़ता है। अत: कहा जा सकता है कि रेपो दर का बढ़ना बाजारों में ब्याज दरों में वृद्धि होने का एक कारण है।
रिवर्स रेपो दर
रिवर्स रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई अल्पकालिक समय के लिए अन्य बैंकों से ऋण लेता है। यह आरबीआई द्वारा सरकारी बॉन्ड / सिक्योरिटीज को बैंकों को भविष्य में वापस खरीदने की प्रतिबद्धता के साथ किया जाता है। बैंक रिवर्स रेपो सुविधा का उपयोग अपने अल्पकालिक अतिरिक्त धन को आरबीआई में जमा करके ब्याज अर्जित करने के लिए भी करते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। 1 अप्रैल सन 1935 को इसकी स्थापना रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई थी।