भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) ने सुंदरबन के बाघों पर रिपोर्ट जारी की
भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) को मानव-पशु संघर्ष पर बढ़ते मामलों पर एक रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया था। इस संबंध में WII ने एक प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की, जो हाल ही में बाघों की जनगणना पर आधारित है।
प्रारंभिक रिपोर्ट के निष्कर्ष
- पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में बाघों का घनत्व अपनी वहन क्षमता तक पहुंच गया है। WII ने पश्चिम बंगाल वन विभाग को सूचित किया कि प्रतिकूल इलाके में प्रति 100 वर्ग किमी में तीन से पांच बाघ वहां करने की क्षमता है। लेकिन सुंदरबन के कई प्रखंडों में घनत्व इससे ज्यादा है।
- यह उच्च घनत्व बाघों को नए क्षेत्रों की तलाश में जंगलों से बाहर निकलने के लिए मजबूर करेगा। हाल ही में, लगभग आठ बाघ सुंदरबन के गांवों में घुसे हैं और उन सभी को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया गया है।
- WII ने बंगाल वन विभाग को जंगल के उन क्षेत्रों में पकड़े गए बाघों को छोड़ने की सलाह दी है जहां बाघों का घनत्व कम है।
WII (Wildlife Institute of India)
- WII पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था है। यह 1982 में स्थापित किया गया था और जैव विविधता, लुप्तप्राय प्रजातियों, वन्यजीव नीति, वन्यजीव प्रबंधन आदि जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान करता है।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) और राज्य वन विभागों के साथ WII राष्ट्रीय बाघ जनगणना या अखिल भारतीय बाघ अनुमान के लिए जिम्मेदार है।
सुंदरबन (Sunderbans)
- सुंदरबन दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव डेल्टा है जो 10,000 वर्ग किमी में फैला हुआ है। लगभग 4,000 वर्ग किमी पश्चिम बंगाल (भारत) में और शेष बांग्लादेश में है। भारतीय सुंदरबन में दक्षिण 24 परगना के बाघ अभयारण्य और आबादी वाले क्षेत्र शामिल हैं। सुंदरबन रॉयल बंगाल टाइगर्स का घर है।
- 2018 की राष्ट्रीय जनगणना से पता चला है कि भारतीय सुंदरबन में 88 बाघ हैं। पश्चिम बंगाल राज्य वन विभाग की 2020-2021 की जनगणना में 96 बाघ मिले। यह बाघों की संख्या में वृद्धि को दर्शाता है।
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