भारतीय वैज्ञानिकों ने पर्यावरण-अनुकूल सौर सेल सामग्री विकसित की
भारतीय शोधकर्ताओं ने एक नवीन सौर संचयन सामग्री बनाई है जो जहरीले सीसे के स्थान पर हरित मैग्नीशियम का उपयोग करती है। यह किफायती और टिकाऊ फोटोवोल्टेइक के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता का प्रतीक है।
मुख्य बिंदु
पेरोव्स्काइट सोलर सेल (Perovskite solar cells) ने कम लागत पर जबरदस्त दक्षता दर्शाई है। मुख्यधारा के संस्करण जहरीले सीसे वाले फॉर्मूलेशन का उपयोग करते हैं – जो स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक है।
समाधान की तलाश
हैदराबाद के International Advanced Research Centre for Powder Metallurgy & New Materials के वैज्ञानिक ने इस चुनौती का समाधान किया।
उन्होंने दक्षता बरकरार रखते हुए प्रचुर, गैर विषैले मैग्नीशियम के लिए आधे सीसे की अदला-बदली करते हुए एक नई पेरोव्स्काइट सामग्री का संश्लेषण किया।
नवीन सौर सेल डिज़ाइन
शोधकर्ताओं ने इस नए MAPb0.5Mg0.5Cl2I पेरोव्स्काइट फॉर्मूला का उपयोग करके एक सरलीकृत सौर सेल वास्तुकला का भी बीड़ा उठाया है।
सोने के इलेक्ट्रोड वाले पारंपरिक महंगे मॉडल के विपरीत, उनका किफायती टाइटेनियम डाइऑक्साइड और कार्बन का उपयोग होता है।
उल्लेखनीय प्रदर्शन
इस लेड-मैग्नीशियम पेरोव्स्काइट फोटोडिटेक्टर ने प्रदर्शित किया:
- 153 mA/W की उच्च प्रतिक्रियाशीलता
- 0.4 मिलीसेकंड का अल्ट्रा-फास्ट प्रतिक्रिया समय
- कम बायस वोल्टेज की आवश्यकता
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Tags:Eco-Friendly Solar Cell Material , International Advanced Research Centre for Powder Metallurgy & New Materials