भारत-अमेरिका Air-Launched Unmanned Aerial Vehicle के लिए मिलकर काम करेंगे
भारत और अमेरिका ने जुलाई, 2021 के अंत में ‘एयर-लॉन्च्ड अनमैन्ड एरियल व्हीकल’ (Air-Launched Unmanned Aerial Vehicle) के लिए एक परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
मुख्य बिंदु
- रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (DTTI) के दायरे में एयर-लॉन्च्ड अनमैन्ड एरियल व्हीकल (ALUAV) लॉन्च किया जाएगा।
- परियोजना समझौते पर 30 जुलाई को रक्षा मंत्रालय और अमेरिकी रक्षा विभाग के बीच वायु प्रणालियों पर संयुक्त कार्य समूह (JWG) के सह-अध्यक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
- यह समझौता ALUAV प्रोटोटाइप को सह-विकसित करने के लिए सिस्टम के डिजाइन, विकास, प्रदर्शन, परीक्षण और मूल्यांकन के लिए भारतीय वायु सेना, वायु सेना अनुसंधान प्रयोगशाला और रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) के बीच सहयोग पर प्रकाश डालता है।
पृष्ठभूमि
ALUAV के लिए परियोजना समझौता अनुसंधान, विकास, परीक्षण और मूल्यांकन समझौता ज्ञापन के तहत है, जिस पर पहली बार जनवरी 2006 में दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते का नवीनीकरण जनवरी 2015 में किया गया था।
परियोजना का महत्व
यह परियोजना समझौता रक्षा उपकरणों का सह-विकास करके भारत और अमेरिका के बीच रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को गहरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
DTTI का उद्देश्य
रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (Defence Technology and Trade Initiative – DTTI) को दोनों देशों के बीच सहयोगात्मक प्रौद्योगिकी विनिमय को बढ़ावा देने के लिए निरंतर नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह भारत और अमेरिका के सैन्य बलों की भावी प्रौद्योगिकियों के सह-उत्पादन और सह-विकास के अवसर पैदा करने का भी प्रयास करता है। इस पहल के तहत, संबंधित डोमेन में परस्पर सहमत परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भूमि, नौसेना, वायु और विमान वाहक प्रौद्योगिकियों पर एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित किया गया है।
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