भारत और ओमान ने रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये
हाल ही में मस्कट में भारत-ओमान संयुक्त सैन्य सहयोग समिति (JMCC) की बैठक के दौरान भारत और ओमान ने एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता सैन्य उपकरणों की खरीद सहित रक्षा जुड़ाव के नए क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है। दोनों पक्षों ने अपने रक्षा सहयोग की व्यापक समीक्षा की और अपने साझा रणनीतिक हितों के आधार पर इसे बढ़ाने के तरीकों की खोज की। उन्होंने बैठक में रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में संभावित सहयोग पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव गिरिधर अरामने ने किया। हौथी आतंकवादियों द्वारा लाल सागर में मालवाहक जहाजों को निशाना बनाने से सुरक्षा चिंताओं सहित पश्चिम एशिया की समग्र स्थिति पर भी चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा सहयोग की समीक्षा की और सराहना की।
सहयोग के नये क्षेत्र
बैठक में प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, सूचना साझाकरण, समुद्र विज्ञान, जहाज निर्माण और एमआरओ सुविधाओं जैसे सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान की गई। ये पहल सेनाओं के बीच आपसी विश्वास और अंतरसंचालनीयता का निर्माण करेगी। दोनों पक्षों ने साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने रक्षा उद्योग सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रभावी और व्यावहारिक पहल पर चर्चा की।
समझौता ज्ञापन
हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) नए क्षेत्रों में रक्षा सहयोग के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है। यह भारत और ओमान द्वारा दिसंबर में सुल्तान हैथम बिन तारिक की भारत यात्रा के दौरान ‘भविष्य के लिए साझेदारी’ नामक एक संयुक्त दृष्टि दस्तावेज का अनावरण करने के एक महीने बाद आया है।
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