भारत और फ्रांस ने स्वास्थ्य पर MoU पर हस्ताक्षर किये

भारत और फ्रांस ने हाल ही में विरासत में मिले विकारों और उभरते व फिर से उभरने वाले संक्रामक रोगों पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। फ्रांस के इंस्टीट्यूट पाश्चर (Institut Pasteur) और भारत के CSIR के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दायरे में हस्ताक्षर किए गए थे।

मुख्य बिंदु 

इस समझौते के तहत, दोनों देशों ने एक साथ काम करने, कोशिका जीव विज्ञान, वैक्सीन विकास, वायरोलॉजी, संक्रामक रोगों, मानव विकासवादी आनुवंशिकी अध्ययन और कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञान में नए तंत्र की पहचान करने और विकसित करने के लिए हस्ताक्षर किए।

महत्व

इन समझौते के माध्यम से, देश न केवल अपने लोगों के लिए बल्कि वैश्विक भलाई के लिए भी किफायती स्वास्थ्य देखभाल समाधान प्रदान करेंगे।

पृष्ठभूमि

अक्टूबर 2021 में, G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर, पीएम मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने सहमति व्यक्त की कि स्वास्थ्य, पर्यावरण और नवाचार में दोनों देशों की साझा महत्वाकांक्षाएं हैं। दोनों नेताओं के बीच बातचीत के आधार पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

हाल ही हुए परिवर्तन

  • 2021 में, भारत और फ्रांस ने इंडो-फ्रांसीसी पर्यावरण वर्ष का शुभारंभ किया। इस मुख्य उद्देश्य ग्रह को हरा-भरा बनाने में देशों के बीच सहयोग की ताकत को बढ़ाना था।
  • 2019 में, देशों ने साइबर सुरक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकियों पर चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
  • 2018 में, भारत और फ्रांस ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसमें तकनीकी सहायता में सहयोग शामिल था।

भारत-फ्रांस

भारत फ्रांस को अपना “सद्भावना भागीदार” (goodwill partner) मानता है। फ्रांस में एक लाख से ज्यादा NRI हैं। फ्रांस उन पहले देशों में से एक था जिसके साथ भारत ने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों देशों के बीच सहयोग बड़े पैमाने पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति, व्यापार और निवेश, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में बढ़ रहा है। दोनों देशों में राजनयिक संबंध 1988 में स्थापित किए गए थे।

Categories:

Tags: , , , , , , ,

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *