भारत की नई सेमीकंडक्टर परियोजनाएँ : मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग 1.25 ट्रिलियन रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की वर्चुअल माध्यम से आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब में बदलने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और देश में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं।
तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाएँ
गुजरात में 1 धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (DSIR)।
- सेमीकंडक्टर निर्माण सुविधा
- निवेश: 91,000 करोड़ रुपये
- 2026 तक चिप उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है
- टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) द्वारा ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (PSMC) के साथ साझेदारी में स्थापित
- नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा संचालित
- नर्मदा नदी नहर से समर्पित जल आपूर्ति
2 मोरीगांव, असम
- आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (OSAT) सुविधा
- निवेश: 27,000 करोड़ रुपये
- टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) द्वारा विकसित
- इलेक्ट्रिक वाहनों, ऑटोमोटिव, मोबाइल फोन और बिजली उपकरणों को पूरा करेगा
3 साणंद, गुजरात
- आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट (OSAT) सुविधा
- निवेश: 7,500 करोड़ रुपये
- सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (ATMP) के लिए संशोधित योजना के तहत सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड द्वारा स्थापित
भारत का सेमीकंडक्टर मिशन
सभी तीन परियोजनाओं को भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत प्रोत्साहित किया जा रहा है , जिसका परिव्यय 76,000 करोड़ रुपये है। इस मिशन का लक्ष्य भारत को सेमीकंडक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
रोजगार के अवसर
इन सेमीकंडक्टर सुविधाओं से भारत के युवाओं के लिए रोजगार के असंख्य अवसर पैदा होने की उम्मीद है। अकेले धोलेरा सुविधा से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 20,000 कुशल नौकरियाँ पैदा होने का अनुमान है। मोरीगांव संयंत्र से 27,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
धोलेरा प्लांट का विवरण
टाटा समूह और ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (PSMC) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित धोलेरा संयंत्र का उद्घाटन चिप 2026 के अंत तक उत्पादन के लिए तैयार होने का अनुमान है। संयंत्र 28 नैनोमीटर चिप्स का निर्माण शुरू करेगा।
धोलेरा सुविधा में उत्पादित चिप्स आठ व्यापक क्षेत्रों को पूरा करेंगे:
- उच्च शक्ति कंप्यूटिंग
- बिजली के वाहन
- दूरसंचार
- रक्षा
- उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स
- ऑटोमोबाइल
- बिजली के इलेक्ट्रॉनिक्स
सरकारी सहायता
केंद्र और राज्य दोनों प्राधिकरणों से सरकारी सब्सिडी से धोलेरा परियोजना के खर्च का 70 प्रतिशत तक कवर होने का अनुमान है, जिससे यह भारत का प्रमुख वाणिज्यिक सेमीकंडक्टर फैब बन जाएगा, जो सरकार का एक दीर्घकालिक लक्ष्य है।
साझेदारी और सहयोग
टाटा समूह अपनी सेमीकंडक्टर सुविधाओं के लिए ताइवानी कंपनियों के साथ सक्रिय रूप से साझेदारी की तलाश कर रहा है। वे धोलेरा प्लांट के लिए यूएमसी ग्रुप और पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन के साथ चर्चा कर रहे हैं।
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Tags:India’s New Semiconductor Projects , सेमीकंडक्टर , सेमीकंडक्टर परियोजनाएँ