भारत की पहली पॉड टैक्सी (Pod Taxi) : मुख्य बिंदु
यमुना प्राधिकरण ने हाल ही में भारत की पहली पॉड टैक्सी परियोजना को मंजूरी दी है। यह परिवहन का एक उन्नत तरीका, स्वचालित और पर्यावरण के अनुकूल होगा।
पॉड टैक्सी क्या है?
पॉड टैक्सी स्वचालित, पर्यावरण के अनुकूल वाहन हैं जो सड़क यातायात से बचने के लिए अलग-अलग ट्रैक पर चलती हैं। ये वाहन बिजली से चलते हैं, जो उन्हें परिवहन का अधिक पर्यावरण-अनुकूल तरीका बनाता है। पॉड टैक्सियों को एक निश्चित संख्या में यात्रियों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसे आज उपलब्ध परिवहन के सबसे उन्नत साधनों में से एक माना जाता है।
स्थान और मार्ग
पॉड टैक्सी परियोजना नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और फिल्म सिटी के बीच स्थित होगी। यह रूट 12-14 किलोमीटर का होगा और इसमें सेक्टर 29, हैंडीक्राफ्ट पार्क, सेक्टर 29 में एमएसएमई पार्क, अपैरल पार्क, सेक्टर 32, सेक्टर 33, टॉय पार्क और सेक्टर 21 सहित 12 स्टॉप होंगे।
पॉड टैक्सी
पॉड टैक्सी बिजली से चलती हैं। जीवाश्म ईंधन के बजाय बिजली का उपयोग उन्हें परिवहन का एक पर्यावरण-अनुकूल तरीका बनाता है। जैसे-जैसे दुनिया पर्यावरण संबंधी चिंताओं के प्रति अधिक जागरूक हो रही है, बिजली से चलने वाले वाहनों जैसे पॉड टैक्सी का उपयोग सतत विकास की दिशा में एक आवश्यक कदम है।
पॉड टैक्सियों के लिए अलग ट्रैक
ट्रैफिक से बचने के लिए पॉड टैक्सी अलग-अलग ट्रैक पर चलती हैं। यह सुनिश्चित करता है कि परिवहन प्रणाली कुशल और निर्बाध बनी रहे। अलग-अलग पटरियों के साथ, पॉड टैक्सी ट्रैफिक में फंसे बिना तेज गति से यात्रा कर सकती हैं, जिससे यात्रियों के लिए यात्रा का समय कम हो जाता है।
क्षमता और यात्री
भारत की पहली पॉड टैक्सी परियोजना से प्रतिदिन लगभग 37,000 यात्रियों के परिवहन की उम्मीद है। पॉड टैक्सियों की क्षमता वाहन के आकार के आधार पर भिन्न होती है, जिसमें बड़े वाहन अधिक यात्रियों को ले जाने में सक्षम होते हैं।
अनुमानित लागत
पॉड टैक्सी पहल की लागत लगभग 810 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है और 2024 के अंत तक इसे अंतिम रूप देने की उम्मीद है। इस परियोजना को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है और इसके एक उन्नत और कुशल परिवहन के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होने की उम्मीद है।
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