भारत के टीकाकरण अभियान में लिंग अंतर : मुख्य बिंदु

भारत का कोविड टीकाकरण अभियान जनवरी 2021 में शुरू किया गया था और यह गति पकड़ रहा है। पहली और दूसरी खुराक सहित अब तक लगभग 21 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं; जिसमें लिंग भेद काफी अधिक है। मई के अंत तक, प्रति 1000 पुरुषों पर 871 महिलाओं को टीका लगाया गया था।

भारत में लिंग भेद (Gender Gap in India)

भारत में लिंगानुपात (Sex ratio) पहले से ही विषम है। प्रति 100 महिलाओं में 108.18 पुरुष हैं। महिला जनसंख्या कुल जनसंख्या का 48.04 प्रतिशत है जबकि पुरुष जनसंख्या 51.96 प्रतिशत है। यह लैंगिक अंतर भारत में सभी स्तरों पर परिलक्षित होता है, जिसमें सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भी शामिल है।

लिंग संबंधी विकास सूचकांक (Gender-related Development Index – GDI)

GDI जीवन प्रत्याशा, शैक्षिक प्राप्ति और आय को मापता है। इसके अनुसार, अनुपात 1 के करीब, पुरुषों और महिलाओं के बीच का अंतर कम होता है। 2019 की मानव विकास रिपोर्ट भारत के जीडीआई मूल्य को 0.892 दर्शाती है। इसने 189 देशों में भारत को 129वें स्थान पर रखा था।

लैंगिक असमानता सूचकांक (Gender Inequality Index – GII)

GII  प्रजनन स्वास्थ्य, श्रम बाजार और सशक्तिकरण के तीन आयामों में लिंग आधारित नुकसान को दर्शाता है। मानव विकास के असमान वितरण वाले देशों में उच्च असमानता का अनुभव होता है। UNDP रिपोर्ट 2019 के अनुसार, भारत का GII  0.0501 है और 122वें स्थान पर था। भारत में महिलाओं के लिए  HDI 0.549 है जबकि पुरुष के लिए 0.671 है जो स्पष्ट रूप से असमानता को दर्शाता है।

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