भारत के पहले 5G टेस्ट बेड का उद्घाटन किया गया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत के पहले 5G टेस्टबेड का उद्घाटन किया, जिसे 220 करोड़ रुपये में स्थापित किया गया है।
मुख्य बिंदु
इसका उद्देश्य दूरसंचार उद्योग को भारत के भीतर अपने उत्पादों का परीक्षण और सत्यापन करने और विदेशों में सुविधाओं पर उनकी निर्भरता को कम करने में सक्षम बनाना है। इस प्रकार, यह 5G टेस्ट बेड आधुनिक तकनीकों के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 5G टेस्ट बेड की सुविधा देश में 5 अलग-अलग जगहों पर उपलब्ध होगी।
हाल ही में, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने IIT मद्रास में भारत की पहली 5G कॉल की, जो भारत के पहले 5G परीक्षण के लिए सबसे बड़े क्षणों में से एक है। यह परीक्षण कॉल हाई 5G फ्रीक्वेंसी बैंड के मध्य-स्तरीय स्पेक्ट्रम पर संचालित की गयी थी।
5G परीक्षण आठ संस्थानों द्वारा और IIT मद्रास के नेतृत्व में एक बहु-हितधारक सहयोगी परियोजना है। अन्य सात संस्थान IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बॉम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर और सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (CEWiT) हैं।
5G तकनीक के फायदे
5G नेटवर्क के फायदों में बेहतर कॉल कनेक्टिविटी, बेहतर वॉयस क्लैरिटी, कॉल ड्रॉप्स में कमी आदि शामिल हैं। यह अनुमान है कि 5G तकनीक अगले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था में 450 बिलियन डालर का योगदान देगी।
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