भारत चालू वित्त वर्ष के दौरान 10% की दर से विकास करेगा : NCAER निदेशक
आर्थिक थिंक-टैंक NCAER की निदेशक पूनम गुप्ता के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 10% बढ़ने की उम्मीद है।
मुख्य बिंदु
- कम COVID-19 से सम्बंधित आपूर्ति व्यवधानों, संपर्क-गहन व्यवधानों और पारंपरिक सेवाओं की बढ़ती मांग और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उछाल के कारण यह वृद्धि बढ़ेगी ।
- हालांकि, वास्तविक चुनौती आगामी वर्षों में 7-8% की विकास दर को बनाए रखना होगा।
पूनम गुप्ता (Poonam Gupta)
पूनम गुप्ता NCAER की पहली महिला महानिदेशक हैं। NCAER में शामिल होने से पहले, उन्होंने विश्व बैंक में प्रमुख अर्थशास्त्री के रूप में काम किया। उन्होंने NIPFP में भारतीय रिजर्व बैंक के चेयर प्रोफेसर के साथ-साथ ICRIER में मैक्रोइकॉनॉमिक्स के प्रोफेसर के रूप में भी काम किया था।
पृष्ठभूमि
COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच पिछले वित्त वर्ष में कम आधार के कारण, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत में आर्थिक विकास बढ़कर 20.1% हो गया था। सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में भी 2020-21 की इसी अप्रैल-जून तिमाही में 24.4% की कमी आई थी।
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (National Council of Applied Economic Research – NCAER)
यह नई दिल्ली में स्थित अर्थशास्त्र का एक गैर-लाभकारी थिंक टैंक है। नंदन नीलेकणि इस शासी निकाय के अध्यक्ष हैं। इसकी स्थापना 1956 में टाटा संस, फोर्ड फाउंडेशन और वित्त मंत्रालय के वित्तीय सहयोग से की गई थी। NCAER परिसर की आधारशिला पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अक्टूबर 1959 में रखी थी।
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