भारत-डेनमार्क ने ‘अपतटीय पवन पर उत्कृष्टता केंद्र’ लांच किया
केंद्रीय ऊर्जा और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, आर.के. सिंह ने 9 सितंबर, 2021 को नई दिल्ली में डेनमार्क के जलवायु, ऊर्जा और उपयोगिता मंत्री, डैन जोर्गेनसन से मुलाकात की।
मुख्य बिंदु
- इस बैठक के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला गया कि हरित ऊर्जा परिवर्तन भारत की नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- भारत ने 2030 तक 450 गीगा वाट अक्षय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखा है।
- वर्तमान में, भारत का संपूर्ण नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो 146 गीगावॉट का है।
- मंत्री ने कहा कि G-20 देशों में से केवल भारत की कार्रवाई तापमान में वैश्विक वृद्धि के संबंध में पेरिस जलवायु समझौते के अनुरूप है।
- दोनों मंत्रियों ने ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के तहत संयुक्त रूप से ‘Centre of Excellence on Offshore Wind’ का शुभारंभ किया।
हरित रणनीतिक साझेदारी (Green Strategic Partnership)
भारत और डेनमार्क ने भारत में स्थायी समाधान देने के लिए वर्ष 2020 में हरित रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत की थी। इसके लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने डेनमार्क के साथ बौद्धिक संपदा (Intellectual Property – IP) सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप हरित विकास, आर्थिक संबंधों और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग के विस्तार पर केंद्रित है।
हरित सामरिक साझेदारी के प्रमुख बिंदु
- इस साझेदारी के तहत, विशिष्ट प्रौद्योगिकियों और विशेषज्ञता वाली डेनिश कंपनियों ने भारत को अपने वायु प्रदूषण नियंत्रण लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करने की पेशकश की।
- इसने कोविड -19 महामारी से निपटने और जल दक्षता और पानी के नुकसान में सहयोग के लिए तंत्र भी प्रदान किया।
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