भारत-थाईलैंड के बीच CORPAT अभ्यास शुरू हुआ

भारत और थाईलैंड ने दो देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए हिंद महासागर को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से समन्वित गश्ती (Coordinated Patrols) या CORPAT का 31वां संस्करण शुरू किया।

CORPAT अभ्यास

यह पहला द्विवार्षिक अभ्यास है जिसमें भारतीय नौसेना की ओर से स्वदेश निर्मित नौसेना अपतटीय गश्ती पोत सरयूऔर थाईलैंड की ओर से HTMS क्राबी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा दोनों नौसेनाओं के डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल विमान भी हिस्सा लेंगे।

CORPAT का महत्व

CORPAT अभ्यास दोनों नौसेनाओं के बीच समझ और अंतःक्रियाशीलता (interoperability) का निर्माण करता है। यह अवैध गैर-रिपोर्टेड अनियमित मछली पकड़ने, समुद्री आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, सशस्त्र डकैती और समुद्री डकैती जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के उपायों की सुविधा प्रदान करता है। यह तस्करी, अवैध अप्रवास को रोकने और समुद्र में खोज व बचाव ऑपरेशन के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान करके तालमेल बढ़ाने में भी मदद करता है।

सागर विजन (SAGAR Vision)

सागर (SAGAR – Security and Growth for All in the Region) विज़न के तहत भारतीय नौसेना हिंद महासागर में देशों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास, संयुक्त अनन्य आर्थिक क्षेत्र निगरानी और मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) ऑपरेशन और आर्थिक क्षेत्र निगरानी के माध्यम से सक्रिय रूप से संलग्न रही है।

भारत थाईलैंड संबंध

दोनों देश मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करते हैं क्योंकि दोनों बंगाल की खाड़ी के सात देशों के समूह के सदस्य हैं जो दक्षिण एशियाई, थाईलैंड और म्यांमार को दक्षिण पूर्व एशिया से एक मंच पर लाता है।

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