भारत दुनिया भर में प्रेषण (remittances) का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना
भारत हाल ही में दुनिया भर में प्रेषण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बन गया है। विश्व बैंक के अनुसार, इसे 2021 में 87 बिलियन अमरीकी डालर प्राप्त हुआ। भारत के बाद चीन और मैक्सिको हैं, जिनमें से प्रत्येक का 53 बिलियन अमरीकी डालर प्रेषण है।
मुख्य बिंदु
- भारत में, महामारी की स्थिति के दौरान समग्र आवक प्रेषण अनुकूल रहा।
- हालांकि अब इसमें बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
- केंद्रीय बैंक के सर्वेक्षण के अनुसार, खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) से प्रेषण की हिस्सेदारी, भारत में आवक प्रेषण 2016-17 में 50% से अधिक से घटकर 2020-21 में 30 प्रतिशत हो गया है।
- भारत से GCC क्षेत्र में प्रवास, सख्त श्रम कानूनों, उच्च वर्क परमिट नवीनीकरण शुल्क, धीमी गति से तेल की कीमतों और करों के कारण खाड़ी देशों से भारत में प्रेषण में गिरावट आई है।
- 2020-2021 में केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक का हिस्सा घटकर आधा रह गया है। पहले, ये राज्य जीसीसी क्षेत्र में हावी थे और प्रेषण के मामले में बड़े योगदानकर्ता थे। 2016-17 से अब तक इन राज्यों में कुल प्रेषण का 25% हिस्सा है।
- केरल को पीछे छोड़ते हुए महाराष्ट्र सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता राज्य बन गया है।
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