भारत ने 4 मार्च को “चाबहार दिवस” मनाया
भारत ने 4 मार्च, 2021 को ‘चाबहार’ दिवस मनाया, यह दिवस दिल्ली में 2 मार्च से 4 मार्च तक चलने वाले मेरीटाइम इंडिया समिट के साथ-साथ मनाया गया।
मुख्य बिंदु
इस वर्चुअल कार्यक्रम में अफगानिस्तान, ईरान, आर्मेनिया, रूस, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के मंत्रियों की भागीदारी देखी गयी। इस इवेंट के दौरान उद्घाटन सत्र को विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा संबोधित किया गया। मंत्रिस्तरीय उद्घाटन सत्र के बाद दो वेबिनार सत्र आयोजित किए गये।
चाबहार बंदरगाह
यह चाबहार में एक बंदरगाह है जो ओमान की खाड़ी में दक्षिण-पूर्वी ईरान में स्थित है। यह बंदरगाह ईरान के एकमात्र समुद्री बंदरगाह के रूप में कार्य करता है। इस बंदरगाह में दो अलग-अलग बंदरगाह शामिल हैं, जिनका नाम शहीद बेहेशती और शाहिद कलंतरी है। इस बंदरगाह को पहली बार वर्ष 1973 में ईरान के अंतिम शाह द्वारा प्रस्तावित किया गया था। पहला चरण 1983 में ईरान-इराक युद्ध के दौरान खोला गया था।
चाबहार बंदरगाह पर भारत-ईरान सौदा
भारत और ईरान ने पहली बार वर्ष 2003 में शहीद बेहेश्ती बंदरगाह को विकसित करने पर सहमति व्यक्त की। लेकिन ईरान के खिलाफ कई प्रतिबंधों के कारण इस योजना को सफलता नहीं मिली। दोनों देशों ने मई 2016 में फिर से एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत, भारत शहीद बेहेश्ती बंदरगाह पर एक बर्थ को फिर से शुरू करेगा, और उस पर एक 600 मीटर लम्बी कंटेनर हैंडलिंग सुविधा का पुनर्निर्माण भी करेगा। यह बंदरगाह भारत और अफगानिस्तान के बीच भारत के लिए एक वैकल्पिक व्यापार मार्ग प्रदान करेगा। इस बंदरगाह से भारत, ईरान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और अन्य राष्ट्रमंडल देशों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने का रणनीतिक लाभ और उच्च क्षमता है।
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