भारत में चरम मौसम (extreme weather) की घटनाएँ क्यों बढ़ रही है?
हाल ही में काउंसिल इन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (CEEW) ने भारत में चरम मौसम की घटना वाले हॉटस्पॉट्स की मैपिंग की है। इसके अध्ययन से पता चलता है कि भारत में 75% से अधिक जिले चक्रवात, बाढ़, सूखा, गर्मी और शीत लहरों सहित चरम जलवायु घटनाओं के केंद्र हैं।
मुख्य बिंदु
- इसके अध्ययन से पता चलता है कि इन चरम घटनाएँ बार-बार हो रही हैं और इनकी तीव्रता समय के साथ बढ़ रही है।
- भारत ने 1970 और 2005 के बीच 35 वर्षों में लगभग 250 चरम जलवायु घटनाओं को देखा था।
- जबकि यह अब केवल 15 वर्षों में 310 चरम मौसम की घटनाओं को रिकॉर्ड किया गया है।
- इस अध्ययन में कहा गया है कि, पिछले 50 वर्षों में, बाढ़ की घटनाओं में आठ गुना वृद्धि हुई है।
- बाढ़, भूस्खलन, ओलावृष्टि, भारी वर्षा, बादल फटने इत्यादि से जुड़ी घटनाओं में 20 गुना वृद्धि देखी गयी है।
- पिछले दो दशकों में बाढ़ की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है।
भारत में बाढ़ की स्थिति
भारत ने वर्ष 2019 में 151 जिलों को प्रभावित करने वाली 16 से अधिक बाढ़ की घटनाओं को देखा। लगभग 9.7 करोड़ लोग भारत में अत्यधिक बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। असम में बारपेटा, धेमाजी, गोलपारा, दर्रांग, गोलाघाट, शिवसागर ऐसे छह जिले हैं, जो भारत के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित जिले हैं।
भारत ऐसी चरम जलवायु घटनाओं का सामना क्यों कर रहा है?
पिछले 100 वर्षों में 0.6 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने के कारण में भयावह जलवायु घटनाओं में वृद्धि हो रही है। भारत चरम जलवायु घटनाओं के मामले में पांचवां सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया है। जल्द ही, भारत विश्व की बाढ़ राजधानी बनने जा रहा है। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि Microclimatic Zones (सूक्ष्म जलवायु क्षेत्र) शिफ्ट हो रहे हैं।
माइक्रोकलाइमिक ज़ोन
माइक्रॉक्लाइमैटिक जोन ऐसे क्षेत्र हैं जहां मौसम आसपास के क्षेत्रों से अलग होता है। माइक्रॉक्लाइमैटिक ज़ोन शिफ्टिंग के लिए पहचाने जाने वाले कारण है : गायब होते आर्द्र क्षेत्र(wetlands), प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्रों पर अतिक्रमण, भूमि उपयोग पैटर्न में बदलाव और शहरी ताप द्वीप (urban heat island)।
शहरी ताप द्वीप (Urban heat Island)
शहरी ताप द्वीप घटना तब होती है जब शहर या क्षेत्र, आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में उच्च तापमान का अनुभव करते हैं। यह घटना माइक्रॉक्लाइमैटिक ज़ोन शिफ्टिंग का एक प्रमुख कारण बन गयी है।
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