भारत में बच्चों को जलवायु संकट के प्रभाव का जोखिम काफी ज्यादा है : यूनिसेफ
यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बच्चे जलवायु संकट के प्रभावों के अत्यधिक उच्च जोखिम में हैं।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन 4 दक्षिण एशियाई देशों में शामिल है जहां बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है।
- जलवायु परिवर्तन से उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा को खतरा है।
- पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भारत चार दक्षिण एशियाई देश हैं जहां बच्चों को अत्यधिक जोखिम है।
- पाकिस्तान 14वें , बांग्लादेश 15वें , अफगानिस्तान 25वें जबकि भारत 26वें स्थान पर है।
- नेपाल 51वें स्थान पर है, श्रीलंका 61वें , जबकि भूटान 111वें स्थान पर है।
- 33 देशों में लगभग 1 बिलियन बच्चे रहते हैं जिन्हें ‘अत्यधिक उच्च जोखिम’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- आने वाले वर्षों में 600 मिलियन से अधिक भारतीयों को ‘पानी की अत्यधिक कमी’ का सामना करना पड़ेगा।
- साथ ही, वैश्विक तापमान के 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने पर भारत के शहरी क्षेत्रों में फ्लैश फ्लडिंग काफी बढ़ जाएगी।
- इसके अलावा, दुनिया के सबसे प्रदूषित हवा वाले 30 शहरों में से 21 शहर 2020 में भारत में हनी।
CCR सूचकांक (CCR Index)
इन निष्कर्षों को यूनिसेफ की रिपोर्ट में ‘The Climate Crisis Is a Child Rights Crisis: Introducing the Children’s Climate Risk Index” (CCRI) में प्रकाशित किया गया है। CCRI, यूनिसेफ द्वारा बच्चों पर पहली केंद्रित रिपोर्ट है।
भारत में उच्च जोखिम
सूचकांक ने भारत को उन 33 अत्यंत उच्च जोखिम वाले देशों में रखा है जहां बाढ़ और वायु प्रदूषण बार-बार होने वाली पर्यावरणीय घटनाएँ हैं।
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