भारत में बर्ड फ्लू का प्रकोप : मुख्य बिंदु
भारत में बर्ड फ्लू हिमाचल प्रदेश में जंगली गीज़, केरल में बत्तख, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कौवे के रूप में पाया गया है। साथ ही, हरियाणा में पिछले कुछ दिनों में एक लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है। केरल सरकार ने हाल ही में एवियन इन्फ्लुएंजा को राज्य आपदा घोषित किया। केरल में फ्लू के कारण 1,700 से अधिक बत्तखों की मौत हो गई है।
भारत में बर्ड फ्लू कितना गंभीर है?
- केरल सरकार ने बत्तख और मुर्गों को मारना शुरू कर दिया है।
- तमिलनाडु और कर्नाटक सरकार ने निगरानी बढ़ा दी है और दिशानिर्देश जारी किये हैं।
- मध्य प्रदेश में 155 से अधिक कौवे H5N8 स्ट्रेन से मारे गये हैं।
- H5N8 संक्रमण के कारण हिमाचल प्रदेश के पोंग डैम अभयारण्य में प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है।
- राजस्थान में, कोटा और बारां में पक्षियों को संक्रमण से मृत पाया गया है।
एवियन इन्फ्लुएंजा या बर्ड फ्लू क्या है?
यह एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो इन्फ्लुएंजा टाइप ए वायरस के कारण होती है। यह आमतौर पर टर्की और मुर्गियों जैसे पोल्ट्री पक्षियों को प्रभावित करती है। इन्फ्लुएंजा टाइप ए वायरस कई प्रकार के होते हैं। कुछ वायरस कम अंडे के उत्पादन का कारण बन सकते हैं।
बर्ड फ्लू ने मनुष्यों को संक्रमित करना कब शुरू किया?
मनुष्य पहली बार 1997 में बर्ड फ्लू से संक्रमित पाए गये थे। H5N1 स्ट्रेन मनुष्यों को संक्रमित करने वाला पहला इन्फ्लुएंजा वायरस था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, H5N1 एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। इसके अलावा, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि वायरस ठीक से पकाये गए मुर्गे के माध्यम से फैल सकता है। वायरस गर्मी के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है और खाना पकाने के तापमान में मर जाता है।
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