भारत में स्टार्ट-अप उद्योग बढ़ कर 330 बिलियन डॉलर पर पहुंचा : NASSCOM
NASSCOM का अर्थ National Association of Software and Service Companies है। यह एक गैर-सरकारी संगठन है और यह भारत के IT क्षेत्र के विस्तार के लिए काम करता है। NASSCOM के एक हालिया अध्ययन “Indian Tech Startups Ecosystem: Year of the Titans” के अनुसार, भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र दोगुना बढ़ गया है। 2020 से 2021 के बीच देश की स्टार्टअप इंडस्ट्री बढ़कर 330 अरब डॉलर हो गई है।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष
- स्टार्टअप्स के लिए 2021 एक सफल वर्ष था। 2020 और 2021 के बीच लगभग 65,000 स्टार्टअप्स ने 6.6 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां और 34.1 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा कीं। अधिकांश नई नौकरियां रिटेल, एड-टेक, BFSI, रिटेल टेक, SCM और लॉजिस्टिक्स, फूड टेक और मोबिलिटी के क्षेत्र में उत्पन्न हुईं।
- मूल्य सौदों (value deals) की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई। 100 मिलियन डालर से अधिक के सौदों में संख्या में वृद्धि अत्यधिक स्पष्ट थी।
- स्टार्टअप्स में जोखिम उठाने की तैयारी है। और निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
- हस्ताक्षर किए गए सौदों में से 50% में भारत के निवेशक थे।
देश में यूनिकॉर्न की संख्या में वृद्धि हुई है। यूनिकॉर्न वह स्टार्टअप हैं जिनका मूल्य एक अरब डालर से अधिक है। 2022 में भारतीय स्टार्टअप का भविष्य उज्ज्वल है।
यूनिकॉर्न के बारे में अध्ययन
अकेले 2021 में 18 सेक्टरों में लगभग 42 यूनिकॉर्न विकसित हुए हैं। यह अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे ज्यादा है। यूनिकॉर्न ने अकेले 90 बिलियन अमरीकी डालर जोड़े।
स्टार्टअप्स के विकास में 260 से अधिक कॉरपोरेट्स ने भाग लिया। कॉरपोरेट्स ओपन इनोवेशन प्रोग्राम बना रहे हैं।
नैसकॉम
यह एक गैर-सरकारी व्यापार समूह है। इसकी स्थापना 1988 में हुई थी।
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