भारत-सऊदी निवेश फोरम 2023 : मुख्य बिंदु

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की राजकीय यात्रा के दौरान नई दिल्ली में भारत-सऊदी अरब निवेश फोरम 2023 का आयोजन किया गया। यह दोनों देशों के बीच पहली औपचारिक निवेश संगोष्ठी के रूप में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। इस आयोजन में दोनों देशों की 500 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया, जो आर्थिक सहयोग के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सऊदी क्राउन प्रिंस ने पहले भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 100 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की।

मुख्य बिंदु

मंत्रिस्तरीय सत्र सऊदी सॉवरेन वेल्थ फंड की भागीदारी सहित स्टार्ट-अप, डिजिटल बुनियादी ढांचे, निवेश प्रोत्साहन और संयुक्त परियोजनाओं जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने पर केंद्रित था।

मंच पर मंत्रिस्तरीय चर्चा के मुख्य परिणाम क्या थे?

परिणामों में फास्ट-ट्रैकिंग साझेदारी के अवसर, खाद्य प्रसंस्करण, रसद, स्वास्थ्य देखभाल, नवीकरणीय ऊर्जा और अधिक में संभावित निवेश सहयोग शामिल थे।

कार्यक्रम के दौरान कितने समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए और उनका महत्व क्या है?

गवर्नमेंट-टू-बिजनेस (G2B) और बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) दोनों प्रारूपों में 45 से अधिक MoUs संपन्न हुए। उनसे भारत और सऊदी अरब के बीच आर्थिक जुड़ाव गहरा होने और निवेश प्रवाह में तेजी आने की उम्मीद है।

फोरम में ब्रेकआउट सत्र के दौरान किन क्षेत्रों पर चर्चा की गई और वे महत्वपूर्ण क्यों थे?

ब्रेकआउट सत्रों में ICT और उद्यमिता, रसायन और उर्वरक, ऊर्जा और स्थिरता, उन्नत विनिर्माण और खाद्य सुरक्षा जैसे डोमेन शामिल थे। इन चर्चाओं ने इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावना का पता लगाया, जो आर्थिक विकास और नवाचार में योगदान दे सकता है।

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