भारत सरकार और विश्व बैंक ने 400 मिलियन डॉलर के प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर किए
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भारत सरकार और विश्व बैंक ने 400 मिलियन डॉलर की परियोजना के लिए हस्ताक्षर किए हैं। यह परियोजना COVID-19 के प्रभाव से भारत के गरीब और कमजोर वर्ग की रक्षा करेगी।
मुख्य बिंदु
यह परियोजना, दो परियोजनाओं की श्रृंखला में दूसरा ऑपरेशन है। पहले ऑपरेशन को मई 2020 में मंजूरी दी गई थी। इसकी लागत 750 मिलियन डॉलर थी। यह परियोजना गरीब और कमजोर वर्ग के लिए समन्वित और पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी।
इस समझौते पर विश्व बैंक की ओर से कार्यवाहक प्रमुख और भारत सरकार की ओर से आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव ने हस्ताक्षर किए।
पृष्ठभूमि
यह कार्यक्रम देश में COVID-19 महामारी के बाद शुरू किया गया था। COVID-19 संकट ने देश में भविष्य की आपदाओं के लिए तैयारियों को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है। इसलिए, यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह कार्यक्रम भारत के शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कमजोर समूहों की मदद करके भारत में सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों के कवरेज का विस्तार करेगा।
भारत-विश्व बैंक संबंध
विश्व बैंक और भारत के बीच सहयोग की शुरुआत वर्ष 1944 में इंटरनेशनल बैंक ऑफ़ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट की नींव के साथ हुई थी। 44 अन्य देशों के साथ भारत ने जून, 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन का एजेंडा तैयार किया था। भारत को पहला बैंक ऋण नवंबर 1948 में रेलवे पुनर्वास के लिए इंटरनेशनल बैंक ऑफ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट से प्राप्त हुआ था, इसकी ऋण राशि 34 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी।
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