भारत सरकार दुनिया की सबसे बड़ी तैरती हुई सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण करेगी
भारत सरकार दुनिया में सबसे बड़ी तैरती हुई सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण करेगी। इस परियोजना का निर्माण नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर बांध में किया जायेगा। यह परियोजना 2022 से 2023 तक अपनी बिजली उत्पादन शुरू करेगी।
मुख्य बिंदु
इस परियोजना की क्षमता 600 मेगावाट है। इस परियोजना की लागत 3000 करोड़ रुपये है। इस परियोजना को अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम और विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जायेगा। इसके अलावा पॉवर ग्रिड द्वारा भी इस परियोजना को वित्तपोषण प्रदान किया जायेगा।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
- इस परियोजना में 600 मेगावाट क्षमता के फ्लोटिंग सौर पैनल होंगे।
- यह पैनल ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर पर लगाये जायेंगे।
- इस परियोजना को दो साल में पूरा किया जायेगा।
- बांध में सोलर पैनल लगाकर लगभग दो हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में बिजली पैदा की जाएगी।
- बांध के जल स्तर के आधार पर सौर पैनल अपने आप ऊपर और नीचे की ओर समायोजित हो जाएंगे।बाढ़ और मजबूत लहरों का सौर पैनलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट
- फ्लोटिंग फोटोवोल्टिक सौर ऊर्जा संयंत्र फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म पर स्थापित फोटोवोल्टिक पैनलों का उपयोग करता है।
- फ्लोटिंग कंसंट्रेटिड सोलर पॉवर सिस्टम।यह एक टॉवर पर सौर ऊर्जा को पुनर्निर्देशित करने के लिए दर्पण का उपयोग करता है।
फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के फायदे
- इस तरह के सोलर पॉवर प्लांट ज़मीन को नहीं घेरते।
- वे पानी के वाष्पीकरण को कम करने में मदद करते हैं।इसलिए, अत्यधिक पानी की बचत होती है।
- इस प्रकार के सौर ऊर्जा संयंत्रों में पैनलों के नीचे पानी की परत द्वारा प्राकृतिक रूप से कूलिंग की जाती है।
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