मंगल ग्रह पर पृथ्वी के कुछ सूक्ष्मजीव जीवित रह सकते हैं : अध्ययन
हाल ही में ‘फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी’ जर्नल में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है, इस अध्ययन के अनुसार पृथ्वी पर पाए जाने वाले कुछ सूक्ष्मजीवों को मंगल पर अस्थायी रूप से जीवित रखा जा सकता है।
मुख्य बिंदु
- यह अध्ययन भविष्य के मंगल मिशन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
- इन सूक्ष्मजीवों का परीक्षण नासा और जर्मन एयरोस्पेस सेंटर के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था।
- इस परीक्षण के दौरान यह पाया गया कि, कुछ सूक्ष्म जीवाणु विशेष रूप से ब्लैक मोल्ड फंगस से बीजाणु, उच्च पराबैंगनी विकिरण के संपर्क में आने पर भी जीवित रहने में सक्षम थे।
मंगल ग्रह
- यह सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है।युद्ध के रोमन देवता के नाम पर इस ग्रह का नाम रखा गया है।
- मंगल की सतह पर लोहे के ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है।आयरन ऑक्साइड लाल रंग की उपस्थिति प्रदान करता है।
- इसका एक पतला वातावरण है।इसकी सतह की विशेषताओं में से कुछ चंद्रमा की सतह से मिलती जुलती हैं।
- इस गृह के दिन और मौसम पृथ्वी के समान हैं क्योंकि इसकी घूर्णन अवधि और घूर्णन अक्ष का झुकाव पृथ्वी के समान है।
- मंगल ग्रह परओलंपस मॉन्स नामक जगह भी है।ओलंपस मॉन्स किसी भी ग्रह पर सबसे बड़ा ज्वालामुखी और सबसे ऊँचा ज्ञात पर्वत है।
- मंगल पर वैलेस मेरिनेरिस भी है जो सौर मंडल में सबसे बड़ी घाटी है।
- इसके फोबोस और डीमोस नाम के दो चंद्रमा हैं।
- मेरिनर 4 ऐसा पहला अंतरिक्ष यान था जिसे नासा ने 1964 में मंगल ग्रह के लिए लॉन्च किया था।
Categories: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
Tags:Frontiers in Microbiology , Mars , Microbes , फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी , मंगल ग्रह , सूक्ष्मजीव