मई, 2021 में पिछले 121 वर्षों में दूसरी सबसे अधिक बारिश दर्ज की गयी : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग
भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department – IMD) के अनुसार, मई 2021 में पिछले 121 वर्षों में दूसरी सबसे अधिक वर्षा हुई है।
मुख्य निष्कर्ष
- सबसे अधिक वर्षा दो लगातार चक्रवात और पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई है।
- भारतीय मौसम विभाग ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि इस मई में भारत में औसत अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस 1901 के बाद से चौथा सबसे कम था। मई 1917 में, भारत ने सबसे कम तापमान 32.68 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था।
- 1977 के बाद से यह तापमान सबसे कम था, जब तापमान 84 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
- मई के दौरान भारत के किसी भी हिस्से में कोई महत्वपूर्ण गर्मी की लहर नहीं देखी गई।
मई में वर्षा
मई, 2021 महीने के लिए पूरे भारत में 107.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो कि इसके 62 मिमी के दीर्घावधि औसत (Long Period Average – LPA) से 74% अधिक है। वर्ष 1990 में अब तक की सबसे अधिक वर्षा हुई थी, जब 110.7 मिमी की रिकॉर्ड वर्षा हुई थी।
मई में सबसे ज्यादा बारिश क्यों हुई?
मई में अरब सागर के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का निर्माण हुआ। तौकते चक्रवात (Tauktae Cyclone) का निर्माण अरब सागर के ऊपर हुआ और 17 मई को गुजरात तट से टकराते हुए यह एक अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में विकसित हुआ। चक्रवात यास (Cyclone Yaas) बंगाल की खाड़ी के ऊपर विकसित हुआ था और यह 26 मई को ओडिशा तट से टकराकर गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया था। इन दोनों प्रणालियों के कारण राज्यों और पश्चिमी व पूर्वी तटों में में भारी बारिश हुई।
पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances)
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर में उत्पन्न होने वाले चक्रवाती तूफान हैं और उत्तर भारत से टकराने से पहले पूरे मध्य एशिया में फैलते हैं। वे उत्तर पश्चिम भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे सर्दियों के दौरान बर्फ और वर्षा के प्रमुख स्रोत के रूप में कार्य करते हैं।
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