मध्य प्रदेश में TRIFOOD पार्क की स्थापना की जाएगी

जनजातीय मामले मंत्रालय के तहत कार्यरत ट्राइफेड (Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India) ने मध्य प्रदेश में ट्राइफ़ूड पार्क स्थापित करने के लिए अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

मुख्य बिंदु

इस समझौते के अनुसार, ट्राइफेड और अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम मिलकर वन धन योजना को लागू करेंगे। यह कार्य स्वयं सहायता समूहों, ट्राइफर्ड पार्कों, वन धन विकास केंद्र के माध्यम से किया जायेगा। वे मशीनरी और उपकरण प्रदान करेंगे, स्वयं सहायता समूहों की पहचान करेंगे, प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे का निर्माण करेंगे। वे अन्य गतिविधियों जैसे बागवानी, मत्स्य पालन, फूलों की खेती, पशुपालन और शिल्प पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे। वे मुख्य रूप से आदिवासियों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे।

TRIFOOD क्या है?

TRIFOOD जनजातीय मामले मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और TRIFED की एक संयुक्त पहल है। इसे अगस्त 2020 में वन धन योजना के तहत लॉन्च किया गया था । ट्राइफ़ूड पार्क खाद्य प्रसंस्करण केंद्र हैं। उनका लक्ष्य लघु वनोपज के मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना होगा।

TRIFOOD के मुख्य कार्य क्या हैं?

TRIFOOD पार्क वन धन केंद्रों से कच्चे माल की खरीद करेगा। फिर उन्हें ट्राइब्स इंडिया आउटलेट के माध्यम से पूरे देश में बेचा जाएगा।

लघु वनोपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य कौन तय करता है?

जनजातीय मामलों का मंत्रालय लघु वनोपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करता है। मंत्रालय के तहत गठित मूल्य निर्धारण सेल द्वारा इसे तीन साल में एक बार संशोधित किया जाता है।

खाद्य फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कौन तय करता है?

लघु वन उपज के अलावा अन्य खाद्य फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कृषि विभाग के सहयोग से संचालित कृषि लागत और कीमत आयोग द्वारा निर्धारित किया जाता है। न्यूनतम समर्थन मूल्य 24 वस्तुओं के लिए वर्ष में दो बार निर्धारित किया जाता है।

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