मन्नार की खाड़ी में तमिलनाडु-डेनमार्क योजना ऊर्जा द्वीप
तमिलनाडु और डेनमार्क राज्य ने मन्नार की खाड़ी में एक ऊर्जा द्वीप (energy island) बनाने की योजना बनाई है जो श्रीलंका के पश्चिमी तट और भारत के दक्षिण-पूर्वी सिरे के बीच स्थित है।
मुख्य बिंदु
- यह योजना इसलिए बनाई गई थी क्योंकि तमिलनाडु हरित ऊर्जा क्षेत्र में अपने पदचिह्न का विस्तार करना चाहता है।
- इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए डेनमार्क तमिलनाडु में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 5-10 अरब डॉलर का निवेश कर सकता है। इसमें मन्नार की खाड़ी में एक ऊर्जा द्वीप के लिए निवेश भी शामिल है ।
- इस निवेश से द्वीप 4-10 गीगावाट ऊर्जा का उत्पादन करने में सक्षम होगा।
पृष्ठभूमि
डेनमार्क के विशेषज्ञों के एक प्रतिनिधिमंडल ने योजना पर चर्चा के लिए 8 सितंबर, 2021 को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से मुलाकात की। यदि यह योजना अमल में आती है, तो यह भारत का पहला अपतटीय तैरता पवन पार्क (offshore floating wind park) होगा।
तमिलनाडु में डेनमार्क का निवेश
जनवरी 2003 से जनवरी 2021 की अवधि में तमिलनाडु में डेनिश निवेश का मूल्य $751.72 मिलियन अनुमानित है। तमिलनाडु में काम करने वाली कुछ डेनिश कंपनियों में मेर्स्क, वेस्टास, क्यूबिक, डैनफॉस, ग्रंडफोस और एफएलएसमिथ शामिल हैं।
भारत-डेनिश सहयोग
लगभग 200 डेनिश कंपनियां भारत के अन्य हिस्सों में काम कर रही हैं, जिनमें रैम्बोल, एपी मोलर मार्सक और नोवो-नोर्डिस्क शामिल हैं। पिछले एक दशक में डेनमार्क ने भारत में एक अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। डेनमार्क में काम कर रही भारतीय कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, आईटीसी इंफोटेक, इंफोसिस टेक्नोलॉजीज और एलएंडटी इंफोटेक शामिल हैं।
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