मानव स्वतंत्रता सूचकांक, 2020 में भारत को मिला 111वां स्थान

हाल ही में मानव स्वतंत्रता सूचकांक 2020 (Human Freedom Index) को जारी किया गया। इस सूचकांक को कनाडा के फ्रेजर इंस्टिट्यूट और काटो इंस्टिट्यूट ने जारी किया है। मानव स्वतंत्रता सूचकांक 2020  नागरिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की एक वैश्विक रैंकिंग है। इस सूचकांक में व्यक्तिगत, नागरिक और आर्थिक स्वतंत्रता के 76 संकेतकों के आधार पर 162 देशों को रैंकिंग प्रदान की गयी है।

भारत का प्रदर्शन

इस वर्ष भारत को 111वां स्थान प्राप्त हुआ है। गौरतलब है कि की पिछले साल के मुकाबले भारत 17 स्थान नीचे फिसला है। इस सूचकांक में भारत ने 6.43 का स्कोर प्राप्त किया है।

भारत का यह स्कोर औसत मानव स्वतंत्रता रेटिंग 6.93 की तुलना में कम है। इस सूचकांक में व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामले में भारत ने 6.30 का स्कोर हासिल किया है। जबकि आर्थिक स्वतंत्रता में भारत ने 6.56 का स्कोर प्राप्त किया है।

अन्य देशों का प्रदर्शन

पड़ोसी देशों के मुकाबले भारत का प्रदर्शन कुछ बेहतर है। इस सूचकांक में पाकिस्तान को 140वें स्थान है। जबकि बांग्लादेश को 139वें स्थान है। इस सूचकांक में चीन और भूटान को क्रमशः 129वां और 108वां स्थान प्राप्त हुआ है। इसमें श्रीलंका को 94वां और नेपाल को 92वां स्थान मिला है।

इस सूचकांक में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले टॉप 10 देश इस प्रकार हैं : न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड और एस्टोनिया, जर्मनी और स्वीडन (संयुक्त रूप से 9वें स्थान पर),जापान (11वें स्थान पर) । इस सूचकांक में यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका 17वें स्थान पर हैं। इस सूचकांक में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देश इस प्रकार हैं : सीरिया, सूडान, यमन, वेनेजुएला और ईरान।

मानव स्वतंत्रता सूचकांक (Human Freedom Index) 

इस सूचकांक को व्यक्तिगत और आर्थिक स्वतंत्रता के 76 संकेतकों का उपयोग करके तैयार किया गया है। इन संकेतकों में कानून, सुरक्षा, कानूनी व्यवस्था, धर्म, संपत्ति के अधिकार जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

अन्य सूचकांकों में भारत का प्रदर्शन

पिछले कुछ समय में कई सूचकांकों में भारत के प्रदर्शन में गिरावट आई है। अप्रैल 2020 में प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में  भारत ने 142वें स्थान हासिल किया था। गौरतलब है कि  वैश्विक आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक में भारत की रैंकिंग में 26 स्थानों की गिरावट आई है। इसके अलावा भारत ने अकादमिक स्वतंत्रता और इंटरनेट स्वतंत्रता सूचकांक में भी काफी कम स्कोर प्राप्त किया है।

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