म्यांमार में सैन्य तख्तापलट, आपातकाल की घोषणा की गयी
म्यांमार की सेना ने देश पर नियंत्रण कर लिया है और एक साल के आपातकाल की घोषणा की गई है। इसके अलावा, स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
आपातकाल की घोषणा क्यों की गई?
- 2020 के नवंबर चुनावों को COVID-19 महामारी के बीच स्थगित कर दिया गया था और सरकार स्थिति से निपटने में विफल रही थी।
- इसलिए, सेना म्यांमार के संविधान के अनुच्छेद 417 के अनुसार देश पर नियंत्रण कर लिया है।
- अनुच्छेद 417 आपातकाल के समय में सेना को अधिकार देने की शक्ति देता है।
- सेना ने 2008 में म्यांमार के संविधान को बनाया था।
- सेना ने कहा है कि, नवंबर 2020 के चुनावों में मतदाता सूचियों में लाखों अनियमितताएं थीं, जिसमें सू की की पार्टी ने 476 सीटों में से 396 सीटें जीती थीं।हालांकि, चुनाव आयोग ने सेना के दावों को खारिज कर दिया था।
सैन्य नियंत्रण के परिणाम
अब म्यांमार में, दूरसंचार रोक दिया गया है। इंटरनेट और फोन का उपयोग भी अवरुद्ध कर दिया गया है। कई लोगों के सोशल मीडिया खातों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। सैन्य इकाइयों ने सरकारी इमारतों पर नियंत्रण कर लिया है। इसके अलावा मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और सेना के अन्य आलोचकों के बीच उत्पीड़न की आशंका है, क्योंकि सैन्य नियंत्रण से पहले भी पत्रकारों, मुक्त भाषण के अधिवक्ताओं और सेना के आलोचकों को कई बार कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
म्यांमार
यह दक्षिण-पूर्व एशिया का एक देश है, इसकी सीमा बांग्लादेश, भारत, चीन, लाओस, थाईलैंड जैसे देशों से लगती है। यह मुख्यभूमि दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा देश है जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से यह एशिया का 10वां सबसे बड़ा देश है। इसकी राजधानी शहर नैपिडा है। यांगून (रंगून) म्यांमार का सबसे बड़ा शहर है। म्यांमार की सीमा भारतीय राज्यों मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के साथ लगती है।
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