यूरोपीय संघ की 2030 डिजिटल कम्पास योजना (Digital Compass Plan)

यूरोपीय संघ ने अपनी योजना “2030 डिजिटल कम्पास योजना” जारी की है। कोविड-19 महामारी द्वरा चीनी और अमेरिकी कंपनियों के स्वामित्व वाली प्रमुख प्रौद्योगिकियों पर 27 देशों की निर्भरता को उजागर करने के बाद इस योजना को पेश किया गया है। इस योजना को अंतिम मंजूरी के लिए संसद में प्रस्तुत किया जाएगा।

मुख्य बिंदु

यूरोपीय संघ इस दशक के अंत तक अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर का उत्पादन करना चाहता है। यूरोपीय संघ  पाँच वर्षों में अपना पहला क्वांटम कंप्यूटर बनाना चाहता है। यह कदम गैर-यूरोपीय देशों से आने वाली प्रौद्योगिकियों पर अपनी निर्भरता में कटौती करने के प्रयास के तहत लिया जा रहा है।

2030 डिजिटल कम्पास योजना

2030 की योजना सेमीकंडक्टर्स के महत्व पर प्रकाश डालती है जो कनेक्टेड कारों, इंटरनेट से जुड़े उपकरणों, स्मार्टफोन, हाई परफॉरमेंस कंप्यूटर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में उपयोग किये जाते हैं। सेमीकंडक्टर्स महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनकी वैश्विक कमी मौजूद है। इसलिए, इस नीति के साथ, यूरोपीय संघ यूरोप में अत्याधुनिक और स्थायी सेमीकंडक्टर्स के उत्पादन का प्रस्ताव कर रहा है, जो विश्व उत्पादन का कम से कम 20% है। यह योजना क्वांटम प्रौद्योगिकियों में निवेश करने की भी सिफारिश करती है। यूरोपीय संघ का विचार है कि नई दवाओं को विकसित करने और जीनोम अनुक्रमण को गति देने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकियां एक गेम चेंजर साबित होंगी। यूरोपीय संघ ने यह भी लक्ष्य रखा है कि, 2025 तक, यूरोप में क्वांटम एक्सेलरेशन के साथ अपना पहला कंप्यूटर होगा।

योजना का उद्देश्य

यह 1 अरब डॉलर के मूल्यांकन वाली कंपनियों को दोगुना करने का प्रयास करेगी। यह योजना 2030 तक सभी यूरोपीय परिवारों को गीगाबिट नेटवर्क के साथ कवर करने का लक्ष्य रखती है। यह 5G द्वारा सभी आबादी वाले क्षेत्रों को कवर करने का प्रयास भी करती है।

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