रणजीत गुहा (Ranajit Guha) कौन थे?

रणजीत गुहा एक प्रमुख भारतीय इतिहासकार और मार्क्सवादी विद्वान थे जिन्होंने सबाल्टर्न स्टडीज के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हाल ही  में उनका निधन हुआ। उनका जन्म 8 मई 1923 को कलकत्ता, भारत में हुआ था। गुहा ने अपना अधिकांश अकादमिक करियर इंग्लैंड और  अमेरिका में बिताया, जहाँ उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों में इतिहास के प्रोफेसर के रूप में काम किया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

रणजीत गुहा का जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था, जो भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ राष्ट्रवादी आंदोलन में शामिल था। वह राजनीतिक रूप से आवेशित वातावरण में पले-बढ़े, जिसने उनकी विश्वदृष्टि और रुचियों को आकार दिया। गुहा ने कलकत्ता विश्वविद्यालय में अध्ययन किया, जहाँ उन्होंने 1944 में इतिहास में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1946 में उसी विश्वविद्यालय से उसी विषय में मास्टर डिग्री हासिल की। ​​बाद में 1953 में लंदन विश्वविद्यालय में उन्होंने अपनी पीएचडी पूरी की। 

आजीविका

अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद, गुहा भारत लौट आए और दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर के रूप में काम किया। हालाँकि, उन्होंने 1960 के दशक की शुरुआत में भारत छोड़ दिया और कई साल यूरोप और अमेरिका के विश्वविद्यालयों में पढ़ाने में बिताए। 1969 में, गुहा इंग्लैंड में ससेक्स विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर बन गए, जहाँ वे 1982 में अपनी सेवानिवृत्ति तक बने रहे। उन्होंने अन्य संस्थानों में शिकागो विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में भी पढ़ाया।

सबाल्टर्न स्टडीज (Subaltern Studies)

गुहा सबाल्टर्न स्टडीज पर अपने काम के लिए जाने जाते हैं, यह ऐतिहासिक जांच का एक क्षेत्र है जो समाज में हाशिए के समूहों के अनुभवों और दृष्टिकोणों को समझना चाहता है। 1982 में, गुहा ने कई अन्य विद्वानों के साथ सबाल्टर्न स्टडीज समूह की सह-स्थापना की। समूह के काम ने भारतीय इतिहास के प्रमुख आख्यान को चुनौती दी, जो शासक अभिजात वर्ग के कार्यों और दृष्टिकोणों पर केंद्रित था। इसके बजाय, सबाल्टर्न स्टडीज समूह ने किसानों, श्रमिकों और महिलाओं जैसे सबाल्टर्न वर्गों की आवाज़ों और अनुभवों को उजागर करने की कोशिश की।

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