राजस्थान में एवियन फ्लू की दस्तक, जानिए क्या है एवियन फ्लू (Avian Flu)?
राजस्थान के झालावाड़ शहर में बर्ड फ्लू के कारण पचास कौवे मारे गये हैं, इस घटना के बाद एक किलो मीटर के दायरे में कर्फ्यू लगाया गया है।
मुख्य बिंदु
25 दिसंबर, 2020 को झालावाड़ शहर के राडी के बालाजी मंदिर में लगभग पचास कौओं की मौत हो गई। पशुपालन विभाग और वन्यजीव विभाग ने इस क्षेत्र का निरीक्षण किया और भोपाल में राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला (National High Security Animal Disease Laboratory) में नमूने भेजे। इस प्रयोगशाला ने पता लगाया कि यह पक्षी एवियन फ्लू से प्रभावित थे।
राडी के बालाजी मंदिर के आसपास एक किलोमीटर क्षेत्र में शून्य गतिशीलता क्षेत्र घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है। मनुष्यों में बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाये गये हैं।
एवियन फ्लू क्या है?
एवियन इन्फ्लुएंजा एवियन इन्फ्लुएंजा टाइप ए वायरस के संक्रमण के कारण होने वाली एक बीमारी है। ये वायरस जलीय पक्षियों में स्वाभाविक रूप से पाए जाते हैं। यह वायरस घरेलू मुर्गे और अन्य पक्षियों और जानवरों को संक्रमित कर सकता है। एवियन इन्फ्लुएंजा इन्फ्लुएंजा वायरस के कारण होता है। H5N1 इंसानों को संक्रमित करने वाला पहला एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस था। पहला संक्रमण हांगकांग में 1997 में दर्ज किया गया था।
हालांकि, सितंबर 2019 में, विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ने भारत को इन्फ्लुएंजा वायरस H5N1 से मुक्त घोषित किया था। लेकिन इसके कुछ समय बाद ही दूसरा प्रकोप शुरू हो गया था।
अन्य घटनाएँ
दिसंबर 2019 में, एवियन बोटुलिज़्म के कारण लगभग 18,000 पक्षी सांभर झील के पास मारे गए थे। एवियन बोटुलिज़्म एक घातक बीमारी है जो तंत्रिकाओं को प्रभावित करती है। यह एक न्यूरोमस्कुलर बीमारी है जो एक बैक्टीरिया के विष के कारण होती है।
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