राजस्थान सरकार ने ऊंट संरक्षण और विकास नीति (Camel Protection and Development Policy) की घोषणा
राजस्थान की राज्य सरकार ने अपने बजट 2022-23 में ऊंट संरक्षण और विकास नीति की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु
- राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में दो लाख से भी कम ऊंट बचे हैं. 2012 के बाद से भारत में ऊंटों की संख्या में 1.5 लाख की कमी आई है। 2019 में आखिरी बार गिने जाने पर लगभग 2.5 लाख ऊंट बचे थे।
- राजस्थान का राज्य पशु ऊंट है और इनकी संख्या लगातार घट रही है। 2014 में राजस्थान सरकार ने ऊंट को राज्य पशु घोषित किया था।
- भारत के लगभग 85 प्रतिशत ऊंट राजस्थान में पाए जाते हैं जिसके बाद हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का स्थान आता है।
- 2019 की पशु जनगणना के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश, झारखंड, मेघालय और नागालैंड में ऊंटों की संख्या शून्य हो गई, हालांकि 2012 में इन राज्यों में क्रमशः 45, 03, 07 और 92 ऊंट थे।
राजस्थान सरकार ने इस नीति की घोषणा क्यों की?
चूंकि ऊंटों की आबादी लगातार घट रही है, इसलिए राजस्थान सरकार ने इस नीति की घोषणा की है। इस नीति के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट भी प्रस्तावित किया गया है। इस राशि का उपयोग जानवरों की रक्षा, पालन और विकास के लिए किया जाएगा।
राज्य में ऊंट पालन में गिरावट क्यों आई?
2014 में ऊंटों को राजस्थान के राज्य पशु के रूप में घोषित करने के बाद, सरकार ने राजस्थान से अस्थायी प्रवास को प्रतिबंधित करने और इसके वध को रोकने के लिए 2015 में राजस्थान ऊंट (वध निषेध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात विनियमों का निषेध) अधिनियम पेश किया। इस कानून के कारण राज्य में ऊंट पालन कम हो गया था, इस प्रकार, उनकी आबादी में गिरावट आई थी।
Categories: राज्यों के करेंट अफेयर्स
Tags:Camel Protection and Development Policy , Hindi Current Affairs , Hindi News , ऊंट संरक्षण और विकास नीति , हिंदी करेंट अफेयर्स , हिंदी समाचार