राज्यसभा ने राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी विधेयक 2019 पारित किया
राज्य सभा ने 15 मार्च, 2021 को “राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी विधेयक, 2019” (National Institute of Food Technology Bill, 2019) को मंजूरी दे दी है।
मुख्य बिंदु
यह विधेयक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान, कुंडली (हरियाणा) (National Institute of Food Technology Entrepreneurship and Management, Kundli) और भारतीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान, तंजावुर (तमिलनाडु) (Indian Institute of Food Processing Technology, Thanjavur) को “राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान” घोषित करता है। यह विधेयक एक गवर्नर बोर्ड भी स्थापित करता है जो संस्थान में प्रमुख कार्यकारी निकाय के रूप में कार्य करेगा। यह बोर्ड संस्थानों में सामान्य दिशा, अधीक्षण और मामलों के नियंत्रण के लिए जिम्मेदार होगा।
संस्थानों के कार्य
यह विधेयक संस्थानों के कार्यों का भी प्रावधान करता है। इन कार्यों में शामिल हैं:
- खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में शिक्षा, अनुसंधान और ज्ञान प्रसार प्रदान करना।
- परीक्षा आयोजित करना और डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र और अन्य शैक्षणिक उपाधि प्रदान करना
- फीस और अन्य शुल्क निर्धारित करना
- निदेशक को छोड़कर शैक्षणिक और अन्य पदों के लिए नियुक्तियां करना
सदस्यों की शंकाओं का समाधान करते हुए, कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि “आरक्षण नीति इन संस्थानों पर भी लागू होगी”। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि जो लोग खाद्य प्रौद्योगिकी में काम कर रहे हैं, उन्हें इन संस्थानों में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
भारत वर्तमान में खाद्य भंडारण, कोल्ड चेन और खाद्य प्रसंस्करण की चुनौतियों का सामना कर रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 14 बिलियन अमरीकी डालर का भोजन बर्बाद होता है जबकि हर तीसरा बच्चा कुपोषण से पीड़ित है। खाद्य श्रृंखला, कौशल विकास और प्रशिक्षण के लिए ऐसे और संस्थानों की आवश्यकता है। इसके अलावा, यह कानून नौकरियों का सृजन करेगा और किसानों को उद्यमी बनाएगा।
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